देश में 61 करोड़ पैन कार्डधारक हैं। इनमें से 48 करोड़ पैन कार्डधारक अब तक आधार से जुड़ चुके हैं। एक हजार रुपये पेनाल्टी के साथ आधार से पैन को लिंक करने की लास्ट डेट 31 मार्च 2023 है। यानी इस दिन तक बचे हुए 13 करोड़ पैनकार्ड अगर अधार से लिंक नहीं हुए तो रद्द हो सकते हैं। अगर अधार और पैन एकदूजे से लिंक नहीं हैं तो देखें क्या होगा नुकसान….

निवेशक नहीं कर पाएंगे निवेश

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पहले ही नोटिफिकेशन जारी करके निवेशकों को यह जानकारी दी है कि अगर वह 31 मार्च 2023 से पहले अपने पैन को आधार से लिंक नहीं करते हैं तो ऐसे में पैन को बिना केवाईसी का मान लिया जाएगा और पैन को निष्क्रिय कर दिया जाएगा। ऐसे में सेबी ने इस आदेश का हवाला देते हुए निवेशकों से कहा है कि वह जल्द से जल्द अपने पैन और आधार को लिंक करा लें।

निवेश के लिए पैन कार्ड जरूरी

आयकर अधिनियम, 1961 के नियम के अनुसार जिन लोगों के पास परमानेंट अकाउंट नंबर है उन्हें अपने आधार की जानकारी दर्ज करना अनिवार्य है जिससे आधार और पैन को लिंक किया जा सके। इस जानकारी को 31 मार्च 2023 तक जमा करना अनिवार्य है वरना आपका पैन निष्क्रिय हो जाएगा। सीबीडीटी के सर्कुलर नंबर सात के अनुसार 31 मार्च से पहले यह काम 1,000 का जुर्माना देकर किया जा सकता है। वहीं इस तारीख के बाद आधार और पैन निष्क्रिय हो जाएंगे। इसके बाद दोनों को लिंक करने के लिए आपको 10,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा।

सेबी की चेतावनी

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को सभी निवेशकों से कहा कि वे प्रतिभूति बाजार में लगातार और सुचारू लेनदेन के लिए मार्च के अंत तक अपने पैन को आधार संख्या से जोड़ लें। सेबी ने कहा कि अगर निवेशक ऐसा करने में असफल रहते हैं तो 1 अप्रैल, 2024 में वह मार्केट में निवेश नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अगर आपने अभी तक पैन आधार नहीं लिंक किया है तो जल्द से जल्द इस काम को पूरा कर लें।

अन्य लेनदेन पर लग सकता है प्रतिबंध

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मार्च 2022 में एक परिपत्र जारी किया था, जिसके अनुसार यदि किसी व्यक्ति को आवंटित पैन को 31 मार्च 2023 तक आधार से नहीं जोड़ा गया तो वह निष्क्रिय हो जाएगा। सेबी ने एक बयान में कहा कि इसका अनुपालन नहीं करने पर स्थायी खाता संख्या (पैन) और आधार को आपस में जोड़ने तक प्रतिभूतियों और अन्य लेनदेन पर प्रतिबंध लग सकता है।

सेबी ने कहा, चूंकि पैन प्रमुख पहचान संख्या है और प्रतिभूति बाजार में सभी लेनदेन के लिए केवाईसी आवश्यकताओं का हिस्सा है, इसलिए सभी पंजीकृत प्रतिभागियों और बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) के लिए वैध केवाईसी सुनिश्चित करना जरूरी है।

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