भिलाई [न्यूज़ टी 20] रायपुर / सर मैं आईएएस बनना चाहती हूँ। मैं इस साल दसवीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में तीसरे स्थान पर आई हूं। कोचिंग करना चाहती हूँ। कोचिंग की बात सुनते ही मुख्यमंत्री ने अपनी बाजू में बैठे आईएएस, आईपीएस की ओर इशारा करते हुए कहा ये देखिए ये सभी आईएएस और आईपीएस है।

इन्होंने कभी कोचिंग नहीं की और आज आईएएस और आईपीएस है। इसके लिए अच्छे से पढ़ाई की जरूरत है। चेहरे पर शिकन लिए छात्रा मुस्कान ने कहा मैं मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ। आर्थिक मदद मिल जाती तो अच्छे से तैयारी करती और आईएएस बनती। छात्रा की बातों को ध्यान से सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने उनसे ही पूछ लिया बताओ कितना चाहिए।

कुछ सेकंड सोचने के बाद छात्रा ने दो लाख रुपए की बात कही तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जरा भी देरी नहीं की और तत्काल ही हामी भरते हुए कहा आपका काम हो जाएगा। आप अच्छे से बस पढ़ाई करिए।

इस तरह उन्होंने 2 लाख रुपये उच्च शिक्षा के लिए स्वीकृति प्रदान करते हुए उनके साथ आए उनके पिता और आईएएस बनने की ख्वाब लिए मुस्कान के चेहरे पर मुस्कान ला दी।

भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र पहुँचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सामाजिक संगठनों के अलावा उनसे मिलने आए अनेक लोगों की फरियाद को पूरा किया। लैलूंगा के स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली मुस्कान का ख्वाब है कि वह आईएएस बने।

अपनी इस ख्वाब को हकीकत में बदलने मुस्कान ने अभी से मेहनत भी करना शुरू कर दिया है। उनकी कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि दसवीं बोर्ड परीक्षा में राज्य स्तर पर उन्होंने तीसरी रैंक हासिल की।

मुस्कान चाहती है कि वह इसी तरह आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखे और जो लक्ष्य है उसे हासिल करें। आईएएस बनने के लिए वह कुछ टिप्स और कोचिंग भी लेना चाहती है, मगर घर में आर्थिक तंगी की वजह से मुस्कान के चेहरे पर मुस्कुराहट की बजाए अक्सर शिकन ही आ जाती थी और उन्हें अपना ख्वाब टूटने का डर भी समाया रहता था।

जब प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात के माध्यम से आमजनों से मिलने लैलूंगा आए तो मुस्कान भी अपने पिता के साथ उनसे मिलने पहुँची। भोली सी सूरत और चेहरे पर शिकन की दास्तान लिए मुस्कान की ख़्वाहिशों को जब मुख्यमंत्री ने जाना तो उन्होंने पहले कई सवाल किए फिर झट से उनकी मांगें पूरी कर दी।

मुस्कान ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी मांग पूरी कर दी है अब उन्हें उच्च शिक्षा हासिल करने और आईएएस बनने की राह में ज्यादा तकलीफों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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