बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में एसपी और थाना प्रभारी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर शुक्रवार 17 फरवरी और शनिवार को बलरामपुर शहर बंद रहेगा। विधायक बृहस्पत सिंह के नेतृत्व में शहरवासी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर आज अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाईवे- 343 पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।

बुधवार रात पटवारी के साथ शिक्षक अमित सिंह और उसके साथियों ने जमकर मारपीट की थी। जिसके बाद 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इधर आरोपियों का जुलूस नहीं निकालने से नाराज विधायक समर्थकों ने कोतवाली थाने के बाहर लगे बोर्ड और अन्य स्थानों पर एसपी मोहित गर्ग के पोस्टर लगा दिए, जिसमें लिखा था- दंगाई एसपी को बर्खास्त करो।

ये है पूरा मामला

15 फरवरी को किसी बात को लेकर शिक्षक अमित सिंह और ग्राम बड़की महरी पटवारी हामिद रजा के बीच विवाद हो गया था। विवाद इतना बढ़ गया कि शिक्षक अमित सिंह ने अपने 7 साथियों को फोन कर बुलाया, जो अंबिकापुर से अलखडीहा गांव एक शादी समारोह में आए थे। बुधवार देर रात शिक्षक (बलरामपुर निवासी) ने अपने साथी मॉन्टी सिंह (अंबिकापुर निवासी) और उसके कई साथियों के साथ मिलकर पटवारी के साथ जमकर मारपीट की।

ये मारपीट बलरामपुर के पुराना बस स्टैंड पर हुई। बीच-बचाव करने पहुंचे बलरामपुर के लोगों को भी आरोपी अमित सिंह, मॉन्टी सिंह और उसके सहयोगियों ने लाठी-डंडों से जमकर मारा। घायल अपनी जान बचाने के लिए बलरामपुर निवासी जीतेंद्र श्रीवास्तव के घर में घुस गए, लेकिन आरोपी मॉन्टी सिंह और उसके साथी वहां भी घुस गए। उन्होंने जीतेंद्र श्रीवास्तव, उनके भाई राजेश श्रीवास्तव से भी मारपीट की।

इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी। इस पर थाने से पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मारपीट कर रहे आरोपियों को हिरासत में लेकर थाने ले आई। इस बीच मौका पाकर मुख्य आरोपी अमित सिंह फरार हो गया। मारपीट में घायल पटवारी हामिद रजा, जीतेंद्र श्रीवास्तव और बीच-बचाव करने पहुंचे सादिक सिद्दिकी, पूर्व पार्षद सलीम खान, शकील खान सहित स्थानीय लोग पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।

घायल लोगों में पूर्व पार्षद सलीम खान, पटवारी हामिद रजा, शकील खान, सादिक सिद्दिकी, जितेंद्र श्रीवास्तव और राजेश श्रीवास्तव समेत 6 लोग शामिल हैं। सभी घायलों का इलाज जिला चिकित्सालय बलरामपुर में किया जा रहा है। पुलिस ने मॉन्टी सिंह समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया, वहीं अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। मुख्य आरोपी शिक्षक अमित सिंह फरार है।

इधर गुरुवार को घटना की जानकारी मिलने पर रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह अपने समर्थकों के साथ सिटी कोतवाली पहुंचे और आरोपियों का नगर में जुलूस निकालने और सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर एनएच-343 पर धरने पर बैठ गए। एनएच पर टायर जलाकर यहां चक्काजाम कर दिया गया। इससे यातायात बाधित हो गया और गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। दोपहर 2 बजे से लेकर देर शाम तक चक्काजाम चलता रहा, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी हुई।

एसपी को दंगाई बताते हुए लगाया पोस्टर

जब आरोपियों का जुलूस नहीं निकाला गया, तो विधायक समर्थकों ने कोतवाली थाने के बाहर लगे बोर्ड और बाकी जगहों पर एसपी मोहित गर्ग के पोस्टर लगा दिए, जिसमें लिखा था-दंगाई एसपी को बर्खास्त करो। वहीं चक्काजाम से निपटने के लिए पुलिस बल ने बड़ी गाड़ियों को 3 किलोमीटर दूर कलेक्ट्रेट के आगे ही रोक दिया। वहीं यात्री बसों और छोटी-बड़ी गाड़ियों को न्यू बस स्टैंड से डायवर्ट कर पुराना कलेक्ट्रेट चौक होते हुए निकाला जाने लगा। इधर विधायक को पुलिस अधिकारी मनाने की कोशिश करते रहे, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।

पुलिस को माहौल बिगड़ने की थी आशंका

अफसरों के काफी समझाने के बाद भी देर शाम तक चक्काजाम नहीं खुल पाया था। एक तरफ विधायक आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने और उनका शहर में जुलूस निकालने की मांग पर अड़े थे, तो वहीं पुलिस को कानून-व्यवस्था बिगड़ने का डर सता रहा था। इस पूरी घटना को लेकर शहर में भारी तनाव था। पुलिस ने विधायक से कहा कि अगर आरोपियों का जुलूस निकाला जाता है, तो जनता उग्र हो सकती है। इससे माहौल खराब हो जाएगा।

दो दिन रहेगा बलरामपुर बंद

दिन भर गहमाहगमी और तनाव के बाद देर शाम धरना स्थल पर एक सभा का आयोजन कर प्रदर्शन को समाप्त किया गया। साथ ही इस मामले को लेकर शुक्रवार और शनिवार को नगर बंद की घोषणा की गई। विधायक बृहस्पत सिंह शुक्रवार को पुराने कलेक्टोरेट चौक पर आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल होंगे। फिर यहां से रैली निकालकर छत्तीसगढ़ सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

ज्ञापन में आरोपियों पर ठोस धाराओं में अपराध दर्ज करने, पीड़ित पक्ष पर दर्ज अपराध को शून्य करने और वर्तमान एसपी मोहित गर्ग को बर्खास्त करने की मांग की जाएगी। वहीं विधायक का कहना है कि मैंने एसपी को 3 बार फोन लगाया, इसके बावजूद वे धरना स्थल पर नहीं पहुंचे। जिला मुख्यालय में पुलिस विभाग के सारे आला अफसर रहते हैं, इसके बावजूद ऐसी घटना हो जाना पुलिस विभाग की बड़ी नाकामी है। इस पूरे मामले में अपराधियों को पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है।

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