वह कांग्रेस के टिकट पर देहात विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। गलशहीद थाने में 2 जून 2000 को मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें कहा गया था कि हाजी इकराम कुरैशी पर बिजली का करीब 6 लाख 88 हजार रुपये का बिल था। हाजी इकराम कुरैशी और विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा ने मिलकर रुपये जमा करने की नकली रसीद बना ली, जबकि यह रुपये विद्युत विभाग में जमा नहीं किए थे।

इस मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल मजिस्ट्रेट स्मितागोस्वामी की अदालत में चल रही थी। विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि बुधवार को इस मुकदमे में अदालत ने फैसला सुनाया। जिसमें विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया। अदालत ने पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को धोखाधड़ी और गबन के मामले में दोषी करार देते हुए सात साल की सजा और आठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत के आदेश पर पूर्व विधायक को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया।

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