रायपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सरकार अन्नदताओं को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के अन्नदाताओं की बेहतरी और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने सरकार द्वारा किसानांे से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में चल रहे प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान किसानों द्वारा 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की मांग के मद्देनजर यह फैसला लिया गया। श्री बघेल आज रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पारागांव में आयोजित चन्द्रनाहूँ-कुर्मी क्षत्रिय समाज के रायपुर राज अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में चन्द्रनाहूं समाज के पूर्वजों को श्रद्धासुमन अर्पित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि चन्द्रनाहूँ-कुर्मी समाज का इतिहास प्राचीन एवं गौरवशाली रहा है। समाज का संस्कृति, परंपरा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान रहा है। उन्होंने चंद्रनाहू-कुर्मी समाज की मांग पर सामाजिक भवन के लिए 30 लाख रुपए तथा किचन शेड के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। कार्यक्रम में संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर, बीज विकास निगम के अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर, कृषक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष महेंद्र चंद्राकर, जीव-जंतु बोर्ड के उपाध्यक्ष आलोक चंद्राकर, अन्य जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में सामाजिक बन्धु उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी नई सरकार बनते ही सर्वप्रथम किसानों का कर्जा माफ किया गया। किसानों को धान का वाजिब मूल्य मिल रहा है इसके अलावा उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना में इनपुट सब्सिडी का भी लाभ दिया जा रहा है। कोदो, कुटकी, रागी भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। राज्य में खेती किसानी व्यवसाय में बिजली की खपत में वृद्धि यह बताता है कि हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी समाज में परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। हमारी सरकार इस दिशा में काफी काम कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में आज 400 उत्कृष्ट माध्यम के अंग्रेजी स्कूल खोले गए हैं। इस वर्ष 10 अंग्रेजी माध्यम के कालेज भी खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए अनेक कल्याणकारी कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नरवा, गरवा, घुरवा, बारी मॉडल को आज न केवल देश अपितु दुनिया के लोग देख रहे हैं, इससे जल स्त्रोतों में वृद्धि और मिट्टी की उर्वरता में बढोत्तरी हो रही है। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं श्रम विभाग डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि चन्द्रनाहूँ-कुर्मी समाज का संगठन और कार्य सभी समाज के लिए प्रेरणादायी रहा है। परंपरा और संस्कृति के संरक्षण में समाज का अनुकरणीय योगदान है। शिक्षा के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में चन्द्रनाहूँ समाज अग्रणी है।