निर्माण कार्य के लिए खुदाई होना बहुत ही सामान्य सी बात है, लेकिन कई बार इस खुदाई में कुछ बहुत ही अनोखा मिल जाता है, जिसमें कई बार तो पुराने जमाने का खजाना तक होता है. एक जर्मनी के न्यूरेमबर्ग में एक अनोखा ही वाकया हुआ. यहां मकान बनाने के लिए कई मजदूर खुदाई कर रहे थे कि एक अजीब से आवाज ने उन्हें चौंका दिया जिसके बाद जब सावधानी से आगे की खुदाई के बाद जो उन्होंने देखा तो वह नजारा देख कर ही सब कांप गए.

गौर से देखने पर पता चला कि यहां भारी संख्या में इंसानों के कंकाल थे. जर्मनी के न्यरेमबर्ग के पुरातत्वविद के लिए यह एक बहुत ही बड़ी खोज थी क्योंकि यह यूरोप में इस तरह की सबसे बड़ी कब्रगाह थी. अभी तक न्यूरेमबर्ग में एक दो नहीं करीब एक हजार कंकाल मिल चुके हैं और अजीब बात यह है कि ये न्यूरेमबर्ग शहर के केंद्र में मिला है.

पुरातत्वविदों का कहना है कि यह संख्या 1500 से भी ज्यादा हो सकती है. इस पूरे मामले में जरूरी जांच चल रही है उम्मीद की जा रही है पूरी पड़ताल के बाद कई और रहस्य भी उजागर हो सकते हैं. अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि ये कंकाल किस समय के हैं. फिर भी शुरुआती अनुमानों से पता चलता है कि ये 17वीं सदी के पूर्वार्द्ध के समय के हो सकते हैं.

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कुछ कंकालों की हड्डियों में हरा रंग देखने को मिला है जिससे विशेषज्ञ इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यहां पास की तांबे कि मिल से निकला कचरा फेंका जाता था. न्यूरेमबर्ग डिपार्टमेंट ऑफ हेरिटेज कंजरवेशन आर्कियोलॉजिस्ट मेलेनी लेंगबेइन ने बताया कि अभी और भविष्य में मिलने वाले इलाके में मिलने सभी इंसानी कंकालों के सुरक्षित रखा जाए यह सुनिश्चित किया जाएगा.

अब यह मान कर चला जा रहा है कि यह यूरोप में खुदाई में प्लेग के शिकार लोगों की अब तक की सबसे बड़ी कब्रगाह है. बूबोनिक प्लेग ब्लैक डेथ और जस्टीनियन प्लेग की ही तरह एक बहुत ही कुख्यात महामारी थी जिसका इतिहास में बार बार जिक्र होता है. यह स्थानीय महामारी ब्लैक डेथ के बाद कई सालों तक न्यूरेमबर्ग में बनी रही थी और जिससे हजारों लाखों लोगों की जानें गई थीं ऐसा बताया जाता है.

जिस हालत में ये कंकाल मिले हैं उससे साफ पता चलता है कि इन सभी इंसानों को क्रिश्चियन या किसी अन्य धार्मिक परम्पराओं के साथ नहीं दफनाया गया था, बल्कि उस समय उन्हें जल्द से जल्द किसी तरह से दफनाया गया होगा जिससे रोग और ना फैल जाए. आगे की जांच में डीएनए टेस्टिंग भी की जाएगी जिससे बैक्टीरियम येरेसीनिया पेस्तिस की उपस्थिति जांची जाएगी जिससे प्लेग फैलता है.

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