लोकसभा चुनाव को मात्र 75 दिन बच गए है ऐसे में देखना यह है की इस बार किस राजनेता की लाटरी लगती है वैसे तो कयास यह लगाया जा रहा है की भाजपा से जिस किसी को टिकट मिलेगी वह मोदी के नाम पर नैया पार कर लेगा भाजपा से टिकट के लिए लंबी फेरहिस्त है इसमें दौड़ में देखा जाए तो पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू,पूर्व सांसद चंदूलाल साहू,पूर्व राज्यमंत्री पूनम चंद्राकर,पूर्व विधायक डा विमल चोपड़ा,श्रीमती सुधा साहू और वर्तमान सांसद चंदूलाल साहू स्वाभाविक दावेदार है अगर इन्ही योग्यता की बात की जाए तो
चंद्रशेखर साहू
श्री साहू पूर्व में महासमुंद लोकसभा का नेतृत्व कर चुके है मुखर किसान नेता की छवि लिए हुए छत्तीसगढ़ के दबंग नेताओ को चुनाव में मात देकर लोकसभा के सदस्य और राज्य की सरकार में मंत्री का दायित्व निभा चुके है।
चंदूलाल साहू
श्री साहू पूर्व में राजिम विधानसभा से विधायक रहे उन्होंने राजिम में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ला को हराया उसके बाद महासमुंद लोकसभा के सांसद के रूप में कार्यकाल पूर्ण किया वर्तमान में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पदाधिकारी है टिकट के प्रबल दावेदार है।
चुन्नीलाल साहू
श्री साहू पूर्व में खल्लारी से विधायक रह चुके है वर्तमान में लोकसभा के सदस्य है मोदी सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया है लोकसभा में लगातार मुखर रहे है पूरे कार्यकाल में गैर विवादित रहे है इसलिए इन्हे टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
पूनम चंद्राकर
पूर्व राज्यमंत्री रहे पूनम चंद्राकर कुर्मी समाज के बड़े नेता माने जाते है वर्तमान विधानसभा में उन्होंने महासमुंद सीट में दावेदारी ठुकराकर स्वयं को समर्पित कर भाजपा के पक्ष में काम किया लोकसभा में कुर्मी वोटरों के संख्या और उनके सीधे सहज और सरल व्यवहार के कारण टिकट के मजबूत दावेदार हो सकते है।
डा विमल चोपड़ा
पूर्व निर्दलीय विधायक विमल चोपड़ा तेज तर्रार छवि वाले नेता है भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक है इनके सफल संचालन में रायपुर दक्षिण का चुनाव जीता गया भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल के करीबी होने का लाभ इन्हे मिल सकता है लेकिन इनकी तेज तर्रार छवि इनके नुकसान का कारण भी बन सकती है।
सुधा साहू
सुधा साहू वर्तमान में महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष है हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में जूझकर पार्टी को विजय दिलाने में अहम भूमिका निभाई है मोदी सरकार ने हाल ही में महिला आरक्षण बिल पास किया है उसी आधार पर यह माना जा रहा है की भाजपा सुधा पर दांव लगा सकता है। अब यह तो देखने वाली बात है भाजपा किस पर दांव लगाती है पर जो भी है वह मोदी के नाम पर अपनी नैया पार लगाने मैदान में उतरेगा