रायगढ़ से श्याम भोजवानी
रायगढ़। जयपुर जिले की राजनीति में जयपुर के राज परिवार का आज भी गहरा प्रभाव है। जयपुर राज परिवार का आभामंडल सिर्फ यही नहीं है। राज परिवार के अलग-अलग सदस्यों ने अनुसूचित जनजाति क्षेत्र जयपुर से बाहर निकाल कर प्रदेश के अन्य सामान्य विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र में जीत का परचम लहराया है l स्वर्गीय दिलीप सिंह जी देव ने जयपुर से बाहर निकाल कर अविवाहित मध्य प्रदेश में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह से खरसिया उपचुनाव में प्रदेश के प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते अर्जुन सिंह से जबरदस्त टक्कर ली थी।
इस चुनाव में उन्हें मात मिली और उन्होंने चुनावी नतीजे में हेर फेर कर अर्जुन सिंह पर जीत चुरा लेने के आरोप लगाकर खरसिया चुनाव में पराजित होने के बाद भी विशाल रैली निकालकर अपनी ताकत दिखाई थी और तब लोगों ने उनका रक्त तिलक लगाकर तब उनका वहां भव्य स्वागत किया था। उसके बाद स्वर्गीय दिलीप सिंह जी देव देश की देश की राजनीति में उनकी पहचान एक बड़े नेता के रूप में होने लगी देश में उनकी पहचान एक मास्क लीडर के रूप में होने लगी उसे जमाने में अटल बिहारी वाजपेई एवं लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता उन्हें हाथों-हाथ ले लिया और लोकसभा बिलासपुर से उन्हें टिकट दे दी।
तब उनके सामने कांग्रेस की और रेणु जोगी सामने थी जिन्हें पराजित करते हुए दिलीप सिंह ने जीत का परचम लहराया। पाठकों को याद ही होगा जब प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मुख्यमंत्री रहते अलग छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव में जयपुर राजघराने के दिलीप सिंह ने तब अपने मूंछों को dawwv पर लगा दिया था। उनका दावा था कि छत्तीसगढ़ में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ जीत कर सत्ता मैं आ रही है।
और यदि और यदि भारतीय जनता पार्टी को बहुमत नहीं मिली तो वह अपनी मूंछे muढ़वा लेंगे । तब पूरे प्रदेश की राजनीति में ऐसी हवा चली थी दिलीप सिंह जूदेव न केवल जयपुर जिले की विधानसभा सीटों प्रचार करते नजर आए बल्कि पार्टी ने उन्हें अलग है से हेलीकॉप्टर देते हुए स्टार प्रचारक के रूप में पूरे प्रदेश में बागडोर शॉप दी थी।
और आखिरकार भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई।
उनके बाद उनके छोटे बेटे युद्धवीर सिंह जी देव ने चंद्रपुर विधानसभा से चुनाव जीतकर राजनीति सफर की शुरुआत की और आज उनकी विरासत को आगे बढ़ते हुए उनकी धर्मपत्नी सहयोगिता सिंह जूदेव चंद्रपुर से भाजपा की टिकट पर अपना भाग्य आजमा रही है। कुमार साहब के मंडले बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी ने कोटा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में वहां से प्रत्याशी बनाया है कांग्रेस के वर्चस्व वाली सीट कोटा सीट से भाजपा को जीत दिलाने की चुनौती स्वीकार की है।
l तभी पार्टी ने जूदेव परिवार का प्रभाव को देखते हुए वहां से उन्हें टिकट दी है। स्वर्गीय कुमार साहब लोकसभा से सफल हुए थे। तो क्या कोटा वासी छोटे जूदेव को यहां सफल नहीं बनाएंगे एक बार तो हक बनता है l एक बार स्वर्गीय जु देव को श्रद्धांजलि बनती है।