
रायपुर – छत्तीसगढ़ में अब यूपी, एमपी, बिहार और झारखंड की तर्ज पर खनन माफियाओं का आतंक फैलने लगा है। अंबिकापुर और राजनांदगांव से लेकर बलौदाबाजार तक अवैध रेत खनन, गुंडागर्दी और फायरिंग की घटनाएं सामने आई हैं, जिस पर अब हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
माफिया-अधिकारी गठजोड़ से सरकार की साख पर सवाल
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रेत माफिया को प्रशासनिक संरक्षण देने के आरोप
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अधिकारियों पर कमीशनखोरी और तीन गुनी रॉयल्टी वसूली के आरोप
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कई ठेकेदारों ने सरकार से पूछा – कौन तय करता है खनिज का बाजार भाव?
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ठेकेदारों ने कलेक्टर से अतिरिक्त वसूली पर रोक लगाने की मांग की
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माफियाओं की दबंगई: अंबिकापुर में कांस्टेबल को कुचला, गरियाबंद में पत्रकारों पर हमला
प्रशासन की कार्रवाई: 42 वाहन जब्त, कई FIR दर्ज
बिलासपुर जिले में रविवार को की गई बड़ी कार्रवाई में:

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42 वाहन जब्त – हाईवा, ट्रैक्टर, ट्रॉली
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हजारों घन मीटर अवैध रेत जब्त
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कोटा, मस्तूरी, कोनी, हिर्री सहित कई थानों की पुलिस ने की कार्रवाई
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450 ट्रैक्टर रेत के अवैध डंपिंग पर भी केस दर्ज
चार महीने तक रेत खनन पर रोक: महंगे पड़ेंगे निर्माण कार्य
राज्य में 15 अक्टूबर तक रेत खदानें बंद कर दी गई हैं।
इस दौरान:
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अवैध स्टॉक के दम पर माफिया मनमानी कीमत वसूल सकते हैं
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निर्माण कार्यों पर बढ़ेगा लागत का दबाव
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वैध ठेकेदारों को नुकसान, आम उपभोक्ता होगा परेशान
ठेकेदार बोले: यह सुशासन नहीं, संगठित वसूली है
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बिलासपुर ठेकेदार संघ ने कहा: “3 गुनी रॉयल्टी की वसूली डकैती के बराबर“
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मांग – मान्य उच्च न्यायालय आदेश के तहत पूरे प्रदेश में समान नियम लागू हों
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घूसखोरी का आरोप: “100% रॉयल्टी देने के बाद भी 10% घूस ली जा रही है”
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ठेकेदारों का सवाल – “क्या यही है नया छत्तीसगढ़ का सुशासन?“
