रायपुर / छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के दो डिस्टलरीयों द्वारा देशी शराब (प्लेन-पाव) की आपूर्ति में कचरा व कीड़ा पाए जाने पर पीने के लिए हानिकारक मानते हुए संबंधित के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की गई है। इन दोनों डिस्टलरीयों द्वारा आपूर्ति की गई 7189 पेटी देशी शराब प्लेन पाव को जप्त कर नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं दोनों डिस्टलरीयों के मेसर्स पर वर्तमान शराब मूल्य की राशि 2 करोड़ 75 लाख 66 हजार 480 रूपए का जुर्माना लगाते हुए यह राशि छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड में जमा करने को कहा गया है। इनमें मेसर्स वेलकम डिस्टलरीज प्राईवेट लिमिटेड, ग्राम-छेरकाबांधा, जिला- बिलासपुर को 2 करोड़ 29 लाख 27 हजार 440 रूपए और मेसर्स छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज लिमिटेड, ग्राम-खपरी, कुम्हारी, जिला-दुर्ग को 46 लाख 79 हजार 40 रूपए जमा करने के आदेश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि मेसर्स वेलकम डिस्टलरीज प्राईवेट लिमिटेड, ग्राम-छेरकाबांधा, जिला- बिलासपुर के द्वारा जिला जांजगीर-चांपा में प्रदाय की गई देशी मदिरा प्लेन के पाव में कचरा एवं कीड़ा पाये जाने की शिकायत की जांच पर बैच नंबर 141, 145 एवं 156 के अंतर्गत भरी गई मदिरा में घोंघे व शैल का कचरा एवं कीड़ा युक्त होना पाया गया जिस पर जिला-जांजगीर-चांपा की कुल बैच नंबर 141 की 11 देशी मदिरा दुकानों में, बैच नंबर 145 की 16 देशी मदिरा दुकानों में एवं बैच नंबर 156 की 14 देशी मदिरा दुकानों एवं मद्यभण्डागार जांजगीर में संग्रहित कुल 5,970 पेटी एवं 33 नग मदिरा को जप्त किया जाकर विधिवत कार्यवाही की गई। आसवक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् मदिरा में पाई गई कीड़े एवं कचरे को आसवक की लापरवाही मानते हुए तथा तीनों बैच नंबर की मदिरा को 03 प्रकरण मानते हुए 50-50 हजार रूपये का शास्ति अधिरोपित की गई हैं। इस मदिरा को मानव सेवन के लिए संभावित हानिकारक मानते हुए समस्त मदिरा को नष्ट करने का आदेश दिया गया है। साथ ही मेसर्स को समस्त मदिरा का वर्तमान विक्रय दर के आधार पर रूपये 2 करोड़ 29 लाख 27 हजार 440 रूपए का भुगतान छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन लिमिटेड को किये जाने का आदेश दिया गया है।
इसी प्रकार मेसर्स छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज लिमिटेड, ग्राम-खपरी, कुम्हारी, जिला-दुर्ग द्वारा जिला दुर्ग एवं बालोद में आपूर्ति की गई देशी मदिरा प्लेन के पाव में कचरा एवं कीड़ा पाये जाने की शिकायत की जांच पर बैच नंबर 165 एवं 167 के अंतर्गत भरी गई मदिरा में कचरा एवं कीड़ा युक्त होना पाया गया जिस पर जिला-दुर्ग की कुल 908 पेटी 24 नग एवं जिला-बालोद की 310 पेटी मदिरा को जप्त किया जाकर विधिवत कार्यवाही की गई। आसवक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् मदिरा में पाई गई कीड़े एवं कचरे को आसवक की लापरवाही मानते हुए तथा दोनों बैच नंबर की मदिरा को 02 प्रकरण मानते हुए 50-50 हजार रूपये का शास्ति अधिरोपित की गई। इसी प्रकार उक्त मदिरा को मानव सेवन के लिए हानिकारक संभावित मानते हुए समस्त मदिरा को नष्ट करने का आदेश दिया गया है। साथ ही समस्त मदिरा का वर्तमान विक्रय दर के आधार पर रूपये 46 लाख 79 हजार 40 रूपए का भुगतान छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन लिमिटेड में किये जाने का आदेश दिया गया है।
डिस्टलरीयों द्वारा त्रुटिपूर्ण देशी मदिरा की आपूर्ति करने की आसवक की प्रवृत्ति को घोर लापरवाही मानते हुए वर्तमान विक्रय दर के आधार पर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन लिमिटेड को भुगतान दिये जाने का आदेश आसवक को दिया गया है, वहीं ऐसी समस्त मदिरा को नष्ट किये जाने का आदेश भी दिया गया है। भविष्य में इस प्रकार की त्रुटि की पुनरावृत्ति न करने संबंधितों को सचेत भी किया गया है।