रायपुर। एक प्रकरण में अनावेदक पति जिला गरियाबंद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक एलबी है। वर्ष 2017 में आवेदिका पत्नी के साथ चूड़ी प्रथा से विवाह हुआ था। अनावेदक के पहली पत्नी किसी दूसरे पुरूष के साथ भाग गई थी। जिससे वह तलाक ले लिया था और अनावेदक के 2 बच्चे भी हैं। जो अनावेदक के साथ ही रहते हैं। आवेदिका के साथ उनका 1 बेटा भी है जो 4 वर्ष का हैं।

अनावेदक ने आनवेदिका के साथ अवैध संबंध होने लगा और फरवरी 2022 में उससे विवाह कर लिया और आवेदिका से अप्रैल 2022 से अलग रहने लगा। अनावेदिक का कथन है कि आवेदिका शक कर रही थी और जगह जगह उसे बदनाम कर दिया था। जिससे वह समाज मे मुह दिखाने के लायक नही थी। तब से मैं अनावेदक के साथ लिव इन मे रह रही थी जिसे अनावेदक ने स्वीकार किया। अनावेदक द्वारा शासकीय सेवा में होने के बाद भी अनैतिक सम्बंध को आयोग के समक्ष स्वीकार किया है जो कि सिविल सेवा सर्विसेज अधिनियम के तहत अनावेदक के दूषित आचरण को प्रगट करता है।

इस प्रकरण में यह स्पष्ट है कि आवेदिका के साथ अनावेदक का वैवाहिक सम्बंध और 4 वर्षीय पुत्र के बाद आवेदिका से बिना तलाक लिए पुनः एक अवैध संबंध को अनावेदक द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। इस स्तर पर आयोग के द्वारा अनावेदिका को नारी निकेतन भेजा गया है। और आवेदिका चाहे तो अनावेदक के विरुद्ध उनके विभाग में सम्पूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत कर अनावेदक के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करा सकती है। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

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