घरघोड़ा- घरघोड़ा एवं पूंजी पथरा से छाल रोड लैलूंगा रोड बरौद कुडुमकेला तक लगभग 100 से अधिक ढाबा संचालित है जिसमें कई ढाबों में अंग्रेजी की शराब धड़ल्ले से परोसी जा रही है ढाबा संचालक को ना तो पुलिस का भय है और न हीं आबकारी विभाग की कार्यवाही का डर आखिर किसकी सह पर इतने बड़े स्तर में अंग्रेजी की शराब की सप्लाई ढाबों में धड़ल्ले से कि जा रही है या फिर अवैध तरीके से ढाबा संचालकों को अंग्रेजी शराब पिलाने का क्या लाइसेंस दे दिया है जो की ढाबा संचालक रात को 2:00 बजे 3:00 बजे तक अंग्रेजी की ब्रांडेड से ब्रांडेड शराब पिला रहे हैं

घरघोड़ा और तमनार क्षेत्र की अंग्रेजी दुकान में लगे सीसी फुटेज से भी डिटेल्स निकाल सकते हैं

घरघोड़ा एवं तमनार की अंग्रेजी शराब संचालित है जिस पर दुकान के सामने और अंदर की ओर सीसी कैमरे लगाए गए हैं जिसमें ढाबा संचालकों के स्टाफ की भी आवाजाही की डिटेल्स निकाल सकती है जो कि बड़े मात्राओं में अंग्रेजी की शराब कार्टून भर के तथा बड़े-बड़े झोलों में भर के ले जाया जाता है और जिन ढाबों से लेने नहीं आते उन्हें अंग्रेजी शराब दुकान के कुछ अनऑफिशियल व्यक्तियों द्वारा ढाबों में सप्लाई की जाती है तथा सप्लाई के आवाज में भी प्रत्येक बोतल के पीछे 10 से 20 रुपए कमीशन लिया जाता है जिसकी जांच होने पर डीटेल्स निकल सकता है

दुगने मूल्य पर बेचते हैं ढाबा मालिक अवैध अंग्रेजी शराब

जिन भी ढाबों में अंग्रेजी की शराब बिक्री की जाती है उसका मूल्य प्रिंट रेट से डबल होता है अंग्रेजी दुकान में बियर 200 में मिलती है तो ढाबों में साढे 300 से ₹400 बिकती है वही ₹200 का अंग्रेजी पाव ₹400 तक बिकता है जिसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि घरघोड़ा पूंजीपथरा कुडुमकेला एवं आसपास के क्षेत्र में कितनी मात्रा में अंग्रेजी की शराब की खपत कराई जा रही है और रोजाना अवैध तरीके से लाखों रुपए की आमदनी की जा रही है

छोटे ढाबों से 5000 और बड़ों ढाबों से ₹10000 की होती है महीने की अवैध वसूली

घरघोड़ा पूंजीपथरा तमनार क्षेत्र के आसपास के छोटे बड़े ढाबों से 5000 से ₹10000 तक की होती है मंथली की वसूली ,सूत्रों से यह पता चला है कि यह उगाही का पैसा आबकारी विभाग को दिया जाता है ताकि हर महीने उन्हें अंग्रेजी शराब को बेचने दिया जाए पूरे क्षेत्र में 100 से भी अधिक छोटे-बड़े ढ़ाबे संचालित है जिसमें अधिकांशतः ढाबों में अंग्रेजी की अवैध शराब बेची जा रही है अंदाजा लगाया जा सकता है कि 5000 से 10000 की एक ढाबा से अवैध वसूली जब हो रही है तो अवैध बेच रहे अधिकांशत ढाबों से महीने की कितनी वसूली होती होगी और वह वसूली की रकम किन-किन तक चढ़ने के रूप में पहुंचता होगा, देखना अब यह है कि जिला पुलिस प्रशासन की क्राइम मीटिंग में रायगढ़ पुलिस कप्तान द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि अवैध शराब बंद मतलब बंद, क्षेत्र की जनता को जिला पुलिस प्रशासन पर विश्वास है कि जल्द सामाजिक बुराइयों के प्रति कार्यवाही की जाएगी

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