रायपुर

असम और नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस

असम और नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस

असम और नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस

राजभवन में आज असम और नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस रंगारंग संस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने इस अवसर पर कहा कि हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग संस्कृति एवं परंपराए है। इनमे विविधता होते भी हम एक हैं और दुनिया को ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘‘ का संदेश दे रहे है।

असम और नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस

असम और नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस

केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत”  कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे का स्थापना दिवस मनाते है। इसी कड़ी में राजभवन में असम एवं नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर इन राज्यों के लोगों को बधाई दी।

असम और नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस

राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि इन दो अद्भुत राज्यों के स्थापना दिवस के अवसर पर, हमारे लिए उनके समृद्ध इतिहास, अद्भुत संस्कृति और उनकी आशाओं और सपनों के बारे में अधिक जानना महत्वपूर्ण है। उन्होंने असम और नागालैंड राज्य की विशेषताओं को रेखांकित किया। असम अपने विविध वन्य जीव और सुंदर ब्रहापुत्र नदी, विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ कामाख्या देवी मंदिर, कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान आदि के लिए जाना जाता है। यह राज्य विविध संस्कृतियों का मिलन स्थल है। इसकी एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है जिसमें संगीत, नृत्य, कला और साहित्य शामिल हैं। यहां के  चाय की स्फूर्तिदायक खुशबू पूरी दुनिया में फैली है।

श्री हरिचंदन ने कहा कि खूबसूरत पहाड़ों के बीच बसे नागालैंड को पूर्व का स्विट्जरलैंड कहा जाता है। जीवंत रंगों और बहादुरी की कहानियों से भरे इस राज्य में जीवन का जश्न मनाने का मन करता है। नागालैंड कई जनजातियों का राज्य है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराएं हैं। नागा लोगों की ताकत और दृढ़ संकल्प उनकी एकता और सरलता में देखी जा सकती है।

श्री हरिचंदन ने आगे कहा कि असम और नागालैंड अलग-अलग संस्कृति और अतीत वाले दो राज्य हैं। लेकिन दोनों राज्यों के निवासी प्रगति और विकास की समान रूप से आकांक्षा रखते है। इस स्थापना दिवस का जश्न हमारे राष्ट्र के प्रति उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान को याद करने का भी एक अवसर है।

कार्यक्रम में असम राज्य के प्रतिनिधि के रूप में रफिकुल मंडल और नागालैंड की प्रतिनिधि श्रीमती रंजना दास ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर असम के बिहु नृत्य सहित दोनों राज्यों के लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुति विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने की। सीआरपीएफ के असमिया जवानों ने बिहु नृत्य कर सभी अतिथियों को भाव विभोर कर दिया। दोनों राज्य के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राज गमछा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने भी राज्यपाल को शाल पहनाकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन राजभवन के उप सचिव दीपक अग्रवाल ने दिया। कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, दोनों राज्यों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *