रायपुर। राजधानी रायपुर के टिकरापारा इलाके में 55 वर्षीय ऑटो मैकेनिक शहजाद शेख ने खुदकुशी कर ली, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। संजय नगर निवासी शहजाद ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दी। परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने पूरे परिवार को झूठे केस में फंसाया था, जिसकी वजह से शहजाद ने यह कदम उठाया।
जानकारी के अनुसार, यह विवाद 6 नवंबर को टैगोर नगर में शुरू हुआ, जब शहजाद के बेटे सैफ और भतीजे हाशिम का साजिद अली, लक्की, विक्की और शदाब के साथ झगड़ा हुआ। साजिद और उसके साथियों ने सैफ और हाशिम के साथ मारपीट की। इसके बाद सैफ और हाशिम ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई।
हालांकि, एक हफ्ते बाद साजिद और उसके साथियों ने शहजाद, उनके बेटे सैफ और भतीजे हाशिम पर टिकरापारा थाने में पलटकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तीनों को आरोपी बनाकर दो दिन तक थाने में पूछताछ के लिए बिठाए रखा।
सुसाइड नोट ने किया गंभीर आरोपों का खुलासा
शहजाद द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में कई लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें पुलिसकर्मी के साथ साजिद अली, मोइन निजाम, लक्की, विक्की, शदाब और कलिम कुरैशी शामिल हैं। शहजाद ने इन सभी को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
परिवार का न्याय की मांग
घटना से आहत शहजाद के परिजनों और स्थानीय निवासियों ने न्याय की गुहार लगाई है। प्रदर्शन के दौरान उनका कहना था कि झूठे आरोप और पुलिस की पूछताछ ने शहजाद को मानसिक रूप से तोड़ दिया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि सुसाइड नोट में दर्ज सभी नामों के खिलाफ कार्रवाई हो।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने सुसाइड नोट की जांच शुरू कर दी है और संबंधित आरोपों की गहनता से जांच करने का आश्वासन दिया है। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।