राजनांदगांव : कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में जल संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में मिशन जल रक्षा के संबंध में जिला पंचायत के सभाकक्ष में बैठक आयोजित किया गया। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि जिले में घटता जल स्तर बहुत बड़ी चिंता का विषय है, इसे रोकने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने जल संरक्षण एवं जल संवर्धन की दिशा में कार्य करने के लिए सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि जिले के अंतिम गांव एवं व्यक्ति तक घटते जल स्तर और जीवन में होने वाली समस्याओं की जानकारी देनी है। उन्होंने कहा कि समाज में बहुत अच्छे लोग है। हम समाज के साथ मिलकर कार्य करें और उन्हें जल संरक्षण एवं संवर्धन की जानकारी दें। उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सभी कार्य करने चाहिए। जिसके लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण, कम पानी लगने वाली फसलों का उत्पादन, तालाबा एवं नहर-नालों को बांधकर वाटर रिजार्च जैसे कार्य करना चाहिए।

जिससे भू-जल स्तर अच्छा रहे। उन्होंने गांवों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण और खेतों के मेड़ों में वृक्षारोपण करने कहा। उन्होंने खाली जगहों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने कहा, जिससे मिट्टी का क्षरण रूकेगा और पर्यावरण संतुलन बना रहेगा। बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने जल संरक्षण एवं संवर्धन की शपथ ली।

कलेक्टर अग्रवाल ने किसानों को कम से कम पानी आवश्यकता वाले फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने कहा। उन्होंने किसानों को ऐसी फसलों की जानकारी देने कहा जिन फसलों में पानी की कम आवश्यकता हो और अधिक लाभ मिले। उन्होंने किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाली बीज उपलब्ध कराने कहा। जिससे किसानों को उत्पादकता अधिक होगी और लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से कृषि करने पर किसानों को फायदा मिलेगा।

जिसके लिए प्रशासन सहयोग करेगा। समूह में कृषि करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने कहा। पपीता, केला एवं अन्य फल तथा चना एवं मिर्च जैसी फसलें कलस्टर में लगाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे और लागत कम आएगी। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि किसानों को धान के बदले अन्य फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करें और इसके लिए समन्वित तरीके से सक्रियतापूर्वक कार्य करें। किसानों के हित में तथा उनके आय में बढ़ोत्तरी हो इसके लिए सभी अपने अनुभवों के आधार पर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें।

वैज्ञानिक तरीके से खेती-किसानी तथा फसलों से संबंधित समस्या एवं उनका समाधान, फसलों की वेरायटी की पूरी जानकारी किसानों को देने कहा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए संभावनाओं की जानकारी देने कहा। छोटे किसानों को मिलेट्स, दलहन, तिलहन जैसी फसल लगाने के लिए प्रेरित करें। बहुत सी फसलें ऐसी हैं जो धान से ज्यादा लाभकारी है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले में घटते जल स्तर की समस्या से अवगत कराते हुये वर्तमान में जमीन के नीचे उपलब्ध पानी को कैसे बचाया जा सकता है, जल संरक्षण हेतु क्या-क्या उपाय किये जा सकते है, कैसे फसल विविधता एवं अधिक आय एवं कम पानी की उपयोग वाली फसलों को बढ़ाया जा सकता है के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कृषि उत्पाद संगठनों एवं उद्योगों के प्रतिनिधि तथा कृषि विभाग से कांट्रेक्ट फार्मिंग के संबंध में सुझाव लिया। बैठक में उद्योगों के प्रतिनिधियों से जल संरक्षण एवं संवर्धन, वृक्षारोपण एवं स्वच्छता के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी।

उन्होंने सड़क किनारे, स्कूलों, तालाबों एवं खेेतो के मेड़ों में वृक्षारोपण का प्लान तैयार कर इस दिशा में कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु अनुरोध किया। साथ ही बताया गया कि धान के अतिरिक्त कई ऐसे भी फसले है जिसका कम सिंचाई में उत्पादन कर किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते है। एफपीओ एवं उनके प्रतिनिधियों से धान के अतिरिक्त अन्य फसलों को लेने हेतु सुझाव लिया गया। उपस्थित प्रतिनिधियों ने बताया कि कई स्थानों में धान के अतिरिक्त मक्का, मूंगफल्ली, दलहन, तिलहन आदि फसलों का उत्पादन किया जा रहा है।

कृषक प्रतिनिधियों द्वारा बीज की गुणवत्ता एवं सहज उपलब्धता तथा मार्केटिंग की व्यवस्था बेहतर सुरिश्चित करने हेतु बैठक में सुझाव दिया गया। बैठक में खैरागढ़ वनमंडलाधिकारी, कृषि विभाग, उद्योग विभाग, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, महाप्रबंधक नाबार्ड, उपायुक्त सहकारिता, उद्यानिकी विभाग, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, बीज निगम के जिला स्तरीय अधिकारी, कृषक उत्पाद संगठन, किसान सहित एबिस गु्रप, राजाराम मेझ प्रोडेक्ट, कमल साल्वेंट, गोयल मिल तथा कृषि संबंधित अन्य उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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