
रायपुर, छत्तीसगढ़। रीपा (RIPA) योजना में गड़बड़ी की शिकायतों पर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए तीन पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही तीन तत्कालीन जनपद पंचायत के सीईओ को कारण बताओ नोटिस (शो-कॉज) जारी किया गया है।
जांच में सामने आई गंभीर लापरवाही
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की जांच में पाया गया कि संबंधित पंचायतों में भंडार क्रय नियमों की अनदेखी की गई। इसके अलावा मशीनों की खरीद तकनीकी परीक्षण के बिना की गई, और भुगतान को भी टुकड़ों में किया गया। इन सभी मामलों को गंभीर मानते हुए रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

ये तीन पंचायत सचिव हुए सस्पेंड
-
शंकर साहू – ग्राम पंचायत बिरकोनी, जनपद पंचायत महासमुंद
-
खिलेश्वर ध्रुव – ग्राम पंचायत गिर्रा, जनपद पंचायत पलारी, बलौदाबाजार-भाटापारा
-
टीकाराम निराला – ग्राम पंचायत लटुआ, जनपद पंचायत बलौदाबाजार
इन तीनों पर नियमों के खिलाफ मशीन खरीदने और अनुचित भुगतान के आरोप सिद्ध हुए हैं।
तीन CEO को कारण बताओ नोटिस
-
रोहित नायक – तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत पलारी
-
रवि कुमार – तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत बलौदाबाजार
-
लिखत सुल्ताना – तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत महासमुंद
संभागायुक्त ने इन अधिकारियों को नियत समय में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, अन्यथा आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तय मानी जा रही है।
सरकार की सख्ती, जवाबदेही तय करने की दिशा में कदम
यह कार्रवाई शासन की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है। ग्रामीण योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने के लिए आगे भी ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
