
रायपुर – राज्य में किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज उपलब्ध कराने के शासन के निर्देश के परिपालन में जिलों में विक्रेता संस्थानों की सघन जांच-पड़ताल की कार्रवाई जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग की संयुक्त टीम द्वारा लगातार की जा रही है। अमानक उर्वरक एवं विक्रय में गड़बड़ी का मामला पकड़ में आने पर विक्रेता संस्थानों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई जारी है।
इसी परिपेक्ष्य में महासमुंद जिले में अमानक डीएपी खाद के विक्रय का मामला पकड़ में आने पर संबंधित संस्थान के लाईसेंस के निरस्तीकरण के साथ ही खाद को राजसात किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। उप संचालक कृषि महासमुंद ने बताया कि किसानों की शिकायत के आधार पर जांच में मेसर्स लक्ष्मी कृषि सेवा केन्द्र, खट्टी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए अमानक डी.ए.पी. उर्वरक के विक्रय पर तत्काल प्रतिबंध लगाया है।

यह शिकायत ग्राम परसदा और हिच्छा के किसानों ने की थी। ग्राम परसदा के किसान सिन्हा द्वारा उक्त संस्थान से क्रय की गई डीएपी खाद में नमी और उसकी गुणवत्ता निम्न स्तर की पायी गई, जिसका सेंपल लेकर उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला, लाभांडी रायपुर में जांच कराए जाने पर डीएपी खाद अमानक स्तर की पाई गई। फलस्वरूप संबंधित फर्म का उर्वरक विक्रय लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही और अमानक डी.ए.पी. को राजसात करने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में भी समलेश्वरी कृषि सेवा केन्द्र, परसकोल में अवैध रूप से रखे गए 57 बोरी डी.ए.पी. उर्वरक को राजसात किया गया था। उप संचालक कृषि श्री कश्यप ने कहा कि जिले में अमानक उर्वरक विक्रय और अवैध भंडारण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी, ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद मिले।
