भिलाई-3 के गांधी नगर वार्ड में ढाई साल का मासूम शिवांश एक आवारा कुत्ते के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दर्दनाक घटना नगर निगम की ओर से आवारा कुत्तों के बधियाकरण को लेकर किए जा रहे झूठे दावों की सच्चाई उजागर करती है।

खिलौना गाड़ी चला रहा था मासूम, अचानक हुआ हमला

बच्चा अपने घर के बाहर गली में तीन पहिया खिलौना गाड़ी से खेल रहा था। तभी एक आवारा कुत्ता अचानक आया और उस पर हमला बोल दिया। शिवांश कुत्ते के डर से गिर पड़ा और कुत्ते ने उसे जगह-जगह नोंच डाला

पड़ोसी ने डंडे से बचाया, लेकिन तब तक मासूम लहूलुहान

शिवांश के चीखने की आवाज सुनकर एक पड़ोसी डंडा लेकर दौड़ा और किसी तरह कुत्ते को भगाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी—कुत्ते ने मासूम को कई जगहों पर काट लिया था। खून से लथपथ शिवांश को परिजन तत्काल एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे।

इलाज के बाद घर लौटा बच्चा, अब हर आवाज से डरता है

इलाज के बाद मासूम घर तो आ गया है लेकिन हर कुत्ते की भौंकने की आवाज पर सहम जाता है। शिवांश की दयनीय हालत ने उसके माता-पिता के साथ-साथ पूरे मोहल्ले को झकझोर दिया है।

पूर्व पार्षद बोले – निगम प्रशासन का ढीला रवैया जिम्मेदार

पूर्व पार्षद लावेश मदनकर ने बताया कि उन्होंने अप्रैल माह में सुशासन शिविर के दौरान आवारा मवेशियों, सुअरों और कुत्तों को हटाने की मांग की थी। जवाब में नगर निगम ने बधियाकरण का दावा तो किया, लेकिन हकीकत में कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सवाल उठे – बधियाकरण के बावजूद क्यों बढ़ रही कुत्तों की संख्या?

पूर्व पार्षद ने निगम को घेरते हुए पूछा, “अगर बधियाकरण हो रहा है, तो आवारा कुत्तों की संख्या में कमी क्यों नहीं आ रही? और अब जो शिवांश के साथ हुआ, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”

निगम पर जनता का गुस्सा, कार्रवाई की मांग तेज

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने नगर निगम भिलाई-चरोदा के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए आवारा कुत्तों की धरपकड़ और स्थायी समाधान की मांग तेज कर दी है।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *