अंत‍िम संस्‍कार से जुड़ी कई मान्‍यताएं काफी साइंटिफ‍िक हैं. कभी आपने सोचा कि दाह संस्‍कार से आने के बाद लोग नहाते क्यों हैं? जिस परिवार में मौत होती है, वे लोग अपने कपड़े फेंक क्‍यों देते हैं? पौराण‍िक वजहों में कहा गया है कि श्मशान भूमि पर लगातार शव जलने से वहां एक प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा मौजूद रहती है, जो इंसान के मनोबल को हान‍ि पहुंचा सकती है. इस वजह से तुरंत नद‍ियों में स्‍नान करने की पंरपरा है, ताक‍ि नकारात्‍मक ऊर्जा शरीर से धुल जाए. मगर अब ज्‍यादातर लोग घर आकर स्‍नान करते हैं. क्‍या इसके पीछे कोई साइंटिफ‍िक वजह भी है? आइए जानते हैं.

विशेषज्ञों के मुताबिक, पहले छुआछूूत से अनेक बीमार‍ियां फैलती थीं. चेचक, प्‍लेग जैसी बीमार‍ियों ने करोड़ों लोगों की जानें ले ली थीं. बहुत संभावना थी कि मृतक किसी संक्रमण से ही मरा हो जिसके शवयात्रा में शामिल होने से लोगों में यह संक्रमण फैलने की संभावना रहती थी. इसलिए हमारे पूर्वजों ने अंतिम संस्कार के बाद मृत शरीर से किसी भी तरह के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ऐसे रीति-रिवाज अपनाए. स्नान करना उस प्रक्रिया में से एक है जो लोगों को किसी संक्रमित शरीर के संपर्क में आने से होने वाली किसी भी बीमारी से बचाने में मदद करता है. खानपान में परहेज और मुंंडन के पीछे भी यही वजह है. यह एक साइंटिफ‍िक व्‍यवहार लगता है.

हकीकत भी जान लीजिए

एक बार जब कोई व्यक्ति मर जाता है, तो शरीर बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता खो देता है. मृत शरीर में बैक्‍टीरिया पनपने लगते हैं. अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग मृत शरीर के संपर्क में आते हैं और इसलिए बैक्टीरिया उनके शरीर में पहुंच सकता है. इसल‍िए अंत‍िम संस्‍कार के तुरंत बाद स्‍नान करने को कहा जाता है. हालांकि, इस विचार का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि अंतिम संस्कार समारोह में भाग लेने के बाद स्नान करने से बीमारी को रोका जा सकता है. यह शरीर की स्‍वच्‍छता बनाए रखने के ल‍िए बेहद महत्‍वपूर्ण है. लेकिन एक्‍सपर्ट के मुताबिक, अंतिम संस्कार समारोह के बाद स्नान करना यह गारंटी नहीं देता कि आप बीमार नहीं होंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि बीमारियां बैक्टीरिया और वायरस के कारण होती हैं जो अन्य लोगों के संपर्क से फैलती हैं, न कि अंत्येष्टि में शामिल होने से.

दाह संस्‍कार में जाने से आप बीमार नहीं होंगे

एक बात और, कुछ लोगों का मानना है कि अंत‍िम संस्‍कार वाली जगह पर जाने से ही आप बीमार हो जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं है. जब तक आप किसी संक्रमित इंसान के संपर्क में नहीं आएंगे, तब तक आप संक्रमण की चपेट में कभी नहीं आ सकते. भले ही आप अंत‍िम संस्‍कार में गए हों या नहीं. अंत्येष्टि में अक्सर एक ही परिवार या समुदाय के लोग शामिल होते हैं, और वे एक ही वायरस या बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकते हैं. इसलिए वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से बचने का सिर्फ एक तरीका है कि उच‍ित दूरी बनाए रखें. दाह संस्‍कार में जाएं, लेकिन संक्रम‍ित व्‍यक्‍त‍ि के संपर्क में आने से बचें.

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