पटना. बिहार के नये डीजीपी आरएस भट्टी के साथ कई रोचक और महत्वपूर्ण किस्से जुड़े हुए हैं जिन्हें लोग आज भी याद कर रोमांचित होते हैं. इनमें किस्सों में से एक किस्सा सिवान के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का भी है जो काफी ज्यादा चर्चा में रहा था. बिहार के नए डीजीपी बनाए गए राजविंदर सिंह भट्टी नब्बे के दशक के बाद गोपालगंज के पुलिस कप्तान थे. बगल के जिले छपरा में तब एक डॉक्टर के पुत्र का अपहरण हो गया था.
पूरे राज्य में इस अपहरण को लेकर सरकारी और निजी डॉक्टरों ने हड़ताल का एलान कर दिया था. तब प्रत्यय अमृत सारण के डीएम थे. देखते-देखते डॉक्टरों के हड़ताल के ग्यारह दिन बीत गए थे. बस एक ही मांग- ये केस आरएस भट्टी को दे दीजिए. दबाव यह था कि डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो जाए. आखिरकार डाॅक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए बुलाया गया. लालू प्रसाद भी इस अपहरण कांड को लेकर बेहद परेशान थे. डाॅक्टरों ने कहा कि बस एक मांग मान लीजिए. इस केस को आरएस भट्टी को दे दीजिए.
जब भट्टी को तलाश रही थी बिहार सरकार
लालू ने केस बताया और भट्टी ने शुरू किया ऑपरेशन
लालू प्रसाद ने भट्टी को गोपालगंज वाले केस के बारे में बताया. बस भट्टी का ऑपरेशन शुरू हो गया. आसपास के पांच-छह जिलों से टॉप फाइन अपराधी की सूची ली. इसके बाद अपने अंदाज में उन्होंने टीम को सक्रिय किया. अब अपराधियों के गैंग तलाशने लगे अगवा हुए चिकित्सक के पुत्र को क्योंकि उसके नहीं मिलने पर अपराधियों को अपनी खुद की चिंता सताने लगी थी. सप्ताह भर के अंदर ही डॉक्टर का अगवा पुत्र यूपी के मिर्जापुर से सकुशल बरामद कर लिया गया था.
फिल्मी स्टाइल में अपराधियों पर कसते थे शिकंजा
आरएस भट्टी 1990 बैच के आईपीएस हैं. प्राेबेशनर के रूप में उनकी पोस्टिंग नवगछिया हुई थी. उस समय नवगछिया में केशो कुंवर नाम के एक दुर्दांत अपराधी का काफी खौफ था. फिल्मी स्टाइल में भट्टी उसे केले से लदे ट्रक में छिपकर पकड़ने गए थे. हालांकि उनको सफलता नहीं मिल पाई थी. वैसे बात के दिनों में उन्होंने उस अपराधी काे बाढ़ से पकड़ लिया था. इसके बाद भट्टी मुजफ्फरपुर आए. मुजफ्फरपुर के अपराधियों का उन्होंने बर्फ के साथ जिस अंदाज में ट्रीटमेंट किया कि अपराधियों ने जिले से अपने को अलग कर लिया था.
बाढ़ में जब पहली बार एएसपी बने थे आरएस भट्टी
आरएस भट्टी के कई किस्सों में एक किस्सा विधानसभा सत्र के दौरान एक बाहुबली विधायक को गिरफ्तार करने का भी है. बाढ़ से जुड़े एक मामले में पटना के बेली रोड से उन्होंने विधायक को गिरफ्तार कर कोतवाली पहुंचा दिया था. इसी तरह एक विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में उन्होंने एक दबंग विधायक को परेशान कर दिया था. जिस समय पूर्णिया में विधायक अजीत सरकार की हत्या को लेकर हंगामा हो रहा था, उस वक्त लालू प्रसाद भट्टी को साथ लेकर पूर्णिया गए थे और जिले का एसपी बनाया था.
जब सिवान में एसपी पद ही शिथिल कर दिया गया था
उन दिनों बिहार में 2005 का दूसरा विधानसभा चुनाव हो रहा था. तत्कालीन चुनाव आयुक्त केजे राव ने आरएस भट्टी को सीबीआई से वापस बुलाकर सिवान की कमान सौंप दी थी. हालांकि प्रोन्नति पाकर तब आरएस भट्टी डीआईजी हो गए थे. लेकिन केजे राव ने अहम फैसला लेते हुए सिवान में एसपी के पद को ही शिथिल कर दिया और भट्टी को तैनात कर दिया था. एक नई सब इंस्पेक्टर गौरी के नेतृत्व में टीम गठित कर शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करा दिया था. काफी दिनों तक यह मामला बेहद चर्चित रहा.
2025 तक सरकारी सेवा में बने रहेंगे भट्टी
बता दें, डीजीपी आरएस भट्टी सितंबर 2025 तक सरकारी सेवा में बने रहेंगे. मूल रूप से पंजाब के रहने वाले भट्टी 1990 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. साल 2021 में सितंबर में वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए थे. आईपीस भट्टी पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेट रहे हैं. भारतीय पुलिस सेवा में योगदान देने से पहले आरएस भट्टी इंग्लैंड में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम कर चुके हैं. उनके बारे में बिहार भर में प्रचलित रहा है कि आरएस भट्टी को देखते ही अपराधी अपना रास्ता बदल देते थे.