ट्रंप की ट्रैवल बैन नीति से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के सपनों पर पड़ा असर, अमेरिका में पढ़ाई करना हुआ मुश्किल

अफगानिस्तान की छात्रा का टूटा सपना

न्यूयॉर्क (US News): डोनाल्ड ट्रंप की ट्रैवल बैन नीतियों ने हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को गहरी मुश्किल में डाल दिया है। खासकर अफगानिस्तान की महिला छात्राएँ, जो तालिबान शासन में शिक्षा से वंचित रहीं, अब अमेरिका में भी उच्च शिक्षा हासिल करने से वंचित हो रही हैं।

अफगानिस्तान की 21 वर्षीय बहारा साघरी ने वर्षों तक मेहनत कर इलिनॉयस के एक प्राइवेट लिबरल आर्ट्स कॉलेज में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में दाखिला पाया था। वह इस साल अमेरिका जाने की तैयारी में थीं, लेकिन ट्रंप के ट्रैवल बैन ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। साघरी का कहना है –

“आप सोचते हैं कि अब आप अपने सपने को पूरा करने जा रहे हैं और अचानक सब कुछ खत्म हो जाता है।”

19 देशों पर ट्रैवल बैन का असर

ट्रंप प्रशासन ने 19 देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया है। इसका सीधा असर उन हजारों छात्रों पर पड़ा है, जिन्होंने सालों की मेहनत और पैसों के बाद अमेरिका में पढ़ाई का सपना देखा था।

  • कई छात्रों का वीज़ा आवेदन लंबित है।

  • कुछ छात्रों ने इमिग्रेशन पॉलिसी की जटिलताओं से परेशान होकर खुद ही दाखिला छोड़ दिया।

  • कई को अचानक कानूनी दर्जा खोने की वजह से वापस लौटना पड़ा।

वीज़ा प्रोसेसिंग में देरी ने बढ़ाई मुश्किलें

पिछले साल मई से सितंबर तक अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्रैवल बैन वाले देशों के छात्रों को 5700 से ज्यादा F-1 और J-1 वीजा जारी किए। इनमें से आधे से ज्यादा ईरान और म्यांमार के छात्रों को मिले। लेकिन जिन देशों पर सख्त पाबंदी है, उनके छात्र सबसे ज्यादा परेशान हैं।

फिर भी अमेरिका छात्रों की पहली पसंद

ईरान के 17 वर्षीय पूया करामी पॉलिमर केमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए पिट्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी, कान्सास आने वाले थे। लेकिन ट्रैवल बैन ने उनकी योजना रोक दी। उन्होंने अगले साल तक एडमिशन स्थगित कर दिया है और अब अमेरिकी सांसदों व दूतावास से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।

12 देशों पर पूरी तरह से पाबंदी

ट्रंप प्रशासन ने अफ्रीका, एशिया, मिडिल ईस्ट और कैरेबियन के 12 देशों पर नए वीजा जारी करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

  • कुछ ग्रीन कार्ड धारकों और ड्यूल सिटिज़न्स को छूट मिली है।

  • 7 देशों पर बेहद कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनका सीधा असर स्टूडेंट वीजा पर पड़ा है।

ट्रंप ने इसे “वीज़ा ओवरस्टे” और “राष्ट्र सुरक्षा” के नाम पर लागू किया और कहा कि जब तक इन देशों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया मजबूत नहीं होगी, तब तक बैन जारी रहेगा।

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