कई बार कुछ शोध बहुत ही अजीब तरह के इलाज सामने लेकर आते हैं. ऐसी कुछ जॉन हॉपकिन्स मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने किया है और ऐसी शानदार खोज की है, जो हमारी सूंघने के क्षमता के बारे में विचार बदल सकती है क्योंकि इसमें दावा किया गया है कि यह ब्लड प्रैशर मापने में एक मापक तौर पर काम आ सकती है. उन्होंने खून में ही एक खास सेंसर के होने का पता लगाया है जो गुप्त रूप से हमारे खून के दबाव को नियंत्रित करते हैं. इस शोध के नतीजे ब्लड प्रैशर संबंधी इलाज में उपयोगी साबित हो सकते हैं.
दरअसल हमानी नाक में खास तरह के सेंसर्स होते हैं जिन्हें ओल्फैक्ट्री रिसेप्टर्स कहते हैं. इन रिसेप्टर्स की मदद से हम आसपास की गंध को महसूस कर पाते हैं. लेकिन ये केवल नाक में हों ऐसा जरूरी नहीं है क्योंकि एक खास रिपोप्टर ओल्फआर558 एक बहुत ही असामान्य सी जगह पाया गया है. यह हमारे शरीर में खून की नसों और किडनी में खास हारमोन बनाने वाली कोशिकाओं में गुंथा हुआ होता है. लेकिन इसका इस जगह पर होना वैज्ञानिकों के लिए खासी पहेली था.
साइंस एडवांस में प्रकाशित अध्ययन के शोधकर्ताओं ने इसी पहेली को हल खोजने के बारे में सोचा और नतीजे काफी चौंकाने वाले आए. अजीब बात लगेगी लेकिन यह सच है कि हर लिंग का ब्लड प्रैशर अलग अलग होता है. मीनोपॉज से पहले महिलाओं का ब्लड प्रैशर पुरुषों की तुलना में 10 अंक कम होता है.
वैज्ञानिकों को लगता है कि इसके पीछे सेक्स हार्मोन जिम्मेदार है, लेकिन यह पूरी पहेली का हल नहीं था. वहीं इलाज के मामले में अधिकांश उपचार संबंधी दिशा निर्देशों में स्त्री और पुरुषों के लिए समान ही मानदंड रखे. इन तमाम तथ्यों को ध्यान में रखते हुए टीम ने ओल्फआर558 की पड़ताल करने का फैसला किया और चूहों पर हुए प्रयोगों में हैरान करने वाले नतीजे पाए.
सामान्य तौर पर नर चूहों में मादाओं की तुलना में ब्लड प्रैशर अधिक था. जब चूहों को अनुवांशिकीय तौर से ओल्फआर558 से विहीन किया तो नतीजे अप्रत्याशित ही मिले. नरों में ब्लड प्रैशर कम हो गया और मादाओं में बढ़ गया. ऐसा लगा कि दोनों का अंतर जादुई तरीके से गायब हो गया.
शोधकर्ताओं ने इंसानों की जेनेटिक जानकारी वाले विशाल आंकड़ों का अध्ययन किया. कई लोग में ओल्फआर558 की जगह ओआर51ई1 रिसेप्टर होता है और ऐसे में उनमें भी लिंग के कारण ब्लड प्रेशर में अंतर देखने को नहीं मिलता है. साफ है कि अध्ययन के नतीजे विशेषज्ञों को ब्लड प्रैशर के नए तरीकों से उपचार खोजने के लिए प्रेरित करेंगे. वहीं अभी तक ओल्फआर558 के असर को अच्छे से नहीं समझा जा सका है. लेकिन यह भी सच है कि गंध के सेंसर हाइपरटेंशन के उपचार में काम आ सकते हैं.