Mutual Fund Returns: म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ी खबर है. म्यूचुअल फंड के मौजूदा निवेशकों के पास नॉमिनी का नाम देने या फिर यह ऑप्शन नहीं चुनने के लिए 31 मार्च तक की डेडलाइन है.नॉमिनेशन नहीं कराने पर निवेशकों के अकाउंट बंद कर दिए जाएंगे और वे अपने निवेश को नहीं निकाल सकेंगे.जो लोग नॉमिनेशन कराना नहीं चाहते हैं तो उनको फंड हाउसेज को डिक्लेरेशन देना होगा कि उनका कोई नॉमिनी नहीं है. इस वजह से वह नॉमिनेशन में हिस्सेदारी नहीं ले पाएंगे.
रेग्युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 15 जून, 2022 को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें म्यूचुअल फंड ग्राहकों के लिए एक अगस्त 2022 या उसके बाद नॉमिनी की डिटेल देने या इस ऑप्शन को नहीं चुनना अनिवार्य कर दिया था. बाद में आखिरी तारीख अक्टूबर 2022 कर दी गई थी. सभी मौजूदा म्यूचुअल फंड अकाउंट्स (जॉइंट अकाउंट समेत) के लिए लास्ट डेट 31 मार्च 2023 कर दी गई है, जिसके बाद अकाउंट से पैसा नहीं निकाल पाएंगे.
क्या बोले एक्सपर्ट्स
इस कदम के पीछे सेबी का मकसद बताते हुए आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) निरंजन बाबू रामायणम ने कहा कि पहले के कई इन्वेस्टमेंट अकाउंट हो सकते हैं, जो बिना किसी को नॉमिनी बनाए खोले गए होंगे.अगर ग्राहक के कोई दुखद घटना हो जाती है तो नॉमिनी को पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है.
इन्वेस्टर्स के लिए सभी म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में नॉमिनेशन कराना जरूरी है. ऑफलाइन फिजिकल फॉर्म से नॉमिनेशन के लिए अप्लाई करने पर आपको भी उसमें साइन करना होगा. इसके अलावा ऑनलाइन नॉमिनेशन के लिए आप ई-साइन का ऑप्शन चुन सकते हैं. बता दें कि जॉइंट अकाउंट वालों को भी नॉमिनेशन कराना होगा.
एसआईपी के क्या हैं फायदे
गौरतलब है कि भविष्य को देखते हुए लोग अलग-अलग तरह की योजनाओं में निवेश करते हैं. एफडी, पीएफ या अन्य किसी योजना की तुलना में उनको ज्यादा रिटर्न मिलता है. म्यूचुअल फंड में निवेश लोग सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए करते हैं. ऐसा भी हुआ है, जब कुछ पॉपुलर एसआईपी के जरिए लोगों को 12-14 प्रतिशत रिटर्न मिला है. यह भी ध्यान रहे कि एसआईपी में इन्वेस्टमेंट रिस्की भी हो सकता है.