भारत में अकाल, सूखा या प्राकृतिक प्रकोप से बचाव के लिए अनेक तरह की मान्यताएं, परंपराएं प्रचलित हैं. अलग-अलग समुदाय इन मान्यताओं पर भरोसा करते हैं. बारिश कम हो या फिर ज्यादा हों, ये मान्यताएं देखने सुनने को मिलती हैं. विविधताओं से भरे देश में इन अंधविश्वासों को मानने और उसे मनाने की पूरी आजादी है. ऐसी अजीब मान्यताएं देश के कई इलाकों में आज भी प्रचलित हैं.

आमतौर पर आपने पेड़ों या फिर पशुओं की शादी के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसी भी जगह है जहां मेंढक और मेंढकी की शादी पूरे रीति रिवाज के साथ करवाई जाती है. इस शादी में पुजारी आते हैं. मंत्रोच्चार के साथ शादी संपन्न कराई जाती है. इस शादी में उन सभी परंपराओं को निभाया जाता है, जो एक सामान्य शादी में होती हैं.

कहां होती है मेंढक-मेंढकी की शादी

असम के जोरहाट जिले के लोगों का यह मानना है कि जंगली मेंढक और मेंढकी की शादी कराने से लंबे समय तक सूखा नहीं पड़ता है. भारत में कई ऐसे जगह है, जहां की खेती मौसम पर निर्भर करता है. यहां के लोग मौसम का अनुमान लगाकर खेती करते हैं. ऐसे में कभी-कभार किसानों का अनुमान गलत हो जाता है. फिर जंगली किसान मेंढक और मेंढकी की शादी करवाते हैं और फिर बारिश होती है.

ये भी मान्यताएं है प्रचलित

यूपी में कई जगह बारिश के लिए गांव के बच्चें इकठ्ठे होकर पूरी गांव में पानी मांगते हैं, वहीं मध्य प्रदेश में साझ-सज्जा लेकर लोग गांव में गीत गाते हैं. वहीं बिहार में ही कुछ इसी प्रकार की परंपरा का निर्वहन किया जाता है.

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