(बी डी निज़ामी)                                                          भिलाई नगर (newst 20) । लोकसभा चुनाव के तहत पहले चरण में हो रहे मतदान के लिए कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ की एकमात्र सीट बस्तर से कवासी लखमा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है विदित हो कि 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के चुनाव में छत्तीसगढ़ की इकलौती सीट बस्तर भी शामिल है, आज कांग्रेस की चौथी लिस्ट में कवासी लखमा का नाम घोषित कर दिया गया । इस तरह अब छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों में से 7 सीट ऑन के प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं औरअब बची हुई 4 सीटों बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़ और कांकेर की लोकसभा सीटो में प्रत्याशियों की घोषणा होनी बाकी है ।                     कवासी लखमा और महेश कश्यप को पहली बार मिली लोकसभा की टिकट                                                कवासी लखमा का मुकाबला भाजपा के महेश कश्यप से होना है, दिलचस्प बात ये है कि दोनों प्रत्याशी पहली बार लोक सभा का चुनाव लड़ रहे हैं। यहां यह बताना भी जरूरी है कि 26 अप्रैल को दूसरे चरण के चुनाव में छत्तीसगढ़ से महासमुंद कांकेर और राजनांदगांव में मतदान कराया जाएगा , वहीं शेष बची 7 सीटों पर 7 मई को जब तीसरे चरण का मतदान होगा तब वोट डाले जाएंगे। अब बची हुई 4 सीटों पर कांग्रेस को अपने प्रत्याशी घोषित करने हैं खास बात यह है कि कवासी लखमा को पहली बार लोकसभा की टिकट दी गई है। बस्तर की सीट से पिछली बार 2019 के चुनाव में दीपक बैज ने जीत दर्ज की थी । दीपक बैज इस बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, शायद इसलिए उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ना उचित नहीं समझा। वैसे भी दीपक बैज फिलहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं और परिवर्तन के तौर पर इस बार कवासी लखमा जो कि अभी तक के अजेय योद्धा है, कांग्रेस ने उन पर एक नए तरह का दाँव चला है, देखना है कि कांग्रेस का यह दाँव भाजपा के खिलाफ कितना कारगर सिद्ध होता है…?                       अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अब तक 11 में से 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है जो की निम्न अनुसार है राजनांदगांव से भूपेश बघेल, दुर्ग से राजेंद्र साहू , रायपुर से विकास उपाध्याय, जांजगीर चांपा से शिव डहरिया, कोरबा से ज्योत्सना महंत , महासमुंद से ताम्रध्वज साहू और बस्तर से कवासी लखमा इनमे से ताम्र ध्वज साहू और शिव डहरिया भूपेश मंत्रिमंडल के सदस्य रह चुके हैं वहीँ विकास उपाध्याय संसदीय सचिव थे, ये तीनो 4 महीने पहले विधान सभा  चुनाव हार चुके हैं।

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