भिलाई नगर (न्यूज़ टी 20) । इलेक्ट्रोल बॉण्ड के जरिये किस पार्टी ने कितना चंदा वसूला है और किसने दिया है, ये सब बातें 15 मार्च तक सार्वजनिक हो जाएंगी। क्योंकि एस बी आई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 12 मार्च की शाम को इलेक्ट्रोल बॉण्ड से सम्बन्धित सारी जानकारियाँ निर्वाचन आयोग को भेज दी हैं। अब इनको विधिवत uplod करना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है। विदित हो कि सोमवार को ही एस बी आई ने डाटा भेजने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय मागा था। निर्वाचन आयोग ने एसबीआई को लताड़ लगाते हुए 12 मार्च की शाम तक सारे डेटा निर्वाचन आयोग को भेजने को कहा थी , जिसके तहत ही एसबीआई ने सारे डेटा निर्वाचन आयोग को भेज दिए हैं । गौरतलब है कि इसके पहले सोमवार को एस बीआई ने इस काम के लिए 30 जून तक का समय मांगा था , जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सिर्फ 36 घंटे से भी कम का समय देते हुए चेतावनी दी थी कि अगर उक्त समय में एसबीआई डाटा उपलब्ध नहीं कराती है , तो इसे कोर्ट के आदेश की अवहेलना माना जाएगा और उसी के तहत कार्रवाई की जा सकती है । अब आनन फानन में एसबीआई ने सारे डेटा निर्वाचन आयोग को भेज भेजकर अपना दामन बचा लिया है । खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम ने एसबीआई को इलेक्ट्रोल बॉण्ड से संबंधित सारी जानकारी का आदेश कई जनहित याचिका के सुनवाई के तहत दिया था। दिलचस्प बात यह है कि एस बीआई ने जो डाटा भेजे हैं वह अपने बुनियादी स्वरूप में है जिसको रौ फॉर्मेशन भी कहा जा सकता है , यानि किस ने किस पार्टी के लिए कितने का बॉण्ड चंदे के तौर पर खरीदा था। अब इनको दो दिनों में systametic अपलोड करना निर्वाचन आयोग के विशेषज्ञों के लिए भी एक बड़ी चुनौती है।