मिर्जापुर: कोई सर पटक रहा है तो कोई जमीन पर लोट-पोट हो रहा है. कोई नाच रहा है तो कोई गीत गा रहा है, ये वे लोग है जिनपर ‘भूत’ सवार है. यह नजारा है उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के बरही गांव का, जहां लगने वाला तीन दिवसीय मेला आस्था, विश्वास, रहस्य और रोमांच का प्रतीक हैं. यहां भूतों के मेले में लोगों के शरीर के अंदर से कथित रूप से भूत-प्रेत बातें करते हैं. इस मेले में लाखों लोग हिस्सा लेते हैं और कथित तौर पर भूत-प्रेत से ग्रसित व्यक्ति मुक्ति पाते हैं.
बता दें, भूत-प्रेत और चुड़ैल जैसी चीजों के अस्तित्व को विज्ञान स्वीकार नहीं करता. लेकिन वर्तमान समय में भी दुनिया की कई संस्कृतियों में लोग आत्माओं और भूतों में यकीन करते हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले से 70 किमी दूर बरही गांव बेचू वीर बाबा के दरबार में हर साल भूतों का मेला लगता है. इस मेले में शामिल होने के लिए प्रदेश और जनपद ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों जैसे-बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश समेत कई अन्य प्रान्तों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं.
350 सालों से लग रहा यह मेला:
मंदिर व्यवस्थापक रोशन लाल यादव के मुताबिक बेचू बीर बाबा के दरबार में पहली बार आने वाले भक्त को पास में ही स्थित भक्सी नदी में स्नान कर पहने हुए कपड़ों को वहीं छोड़ कर नए कपड़े धारण कर चौखट में प्रवेश करना पड़ता है. यह मेला लगभग साढ़े 350 सालों से चला आ रहा है. यहां भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से परेशान लोगों की भीड़ जुटती है. मनौती पूरी हो जाने पर भक्त बाबा के धाम में श्रद्धा और भक्ति के बीच गाजा-बाजा के साथ मेले में पहुंचते हैं. भक्तों का मानना है कि निःसंतान दंपति को यहां दर्शन करने से संतान प्राप्ति होती है.
दर्शन के बाद यहां होती हैं मन्नतें पूरी