नई दिल्ली [ News T20 ] | पड़ोसी देश नेपाल में देर रात 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। जिसके झटके राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप 9 नवंबर रात करीब 1.57 बजे आया। एपिसेंटर नेपाल के मणिपुर में रहा। जिसकी गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी।

नेपाल में असर 6 लोगों की मौत –

इसके बाद रात 3.15 बजे एक बार फिर नेपाल में भूकंप रिकॉर्ड किया गया, जिसकी तीव्रता 3.6 रही । नेपाल पुलिस के मुताबिक रात 2 बजे आए भूकंप से दोती जिले में एक घर गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई । नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के मुताबिक देश के सुदूर-पश्चिम क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में तीन बार भूकंप दर्ज किया गया । नेपाल सेना को भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाशी और बचाव अभियान के लिए भेजा गया है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार 8 नवंबर की रात 9 बजे भी नेपाल में भूकंप आया था। जिसकी तीव्रता 4.9 रही। 8 नवंबर को ही दिन में करीब 12 बजे मिजोरम में भी भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 4.4 थी।

भारत में असर 6 राज्यों में हिली धरती –

भारत के 6 राज्यों यूपी, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड की धरती में कंपन हुआ। दिल्ली-NCR में भूकंप आने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। जो काफी देर तक वापस नहीं गए। जब भूकंप आया तब लोग गहरी नींद में थे, लेकिन झटकों के लगने से उनकी नींद खुल गई। कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी शेयर किए हैं।

भूकंप आने के बाद #earthquake ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। आधे घंटे में करीब 20 हजार ट्वीट किए गए।

2015 में भूकंप से आई थी नेपाल में तबाही –

नेपाल भूकंप 25 अप्रैल 2015 को सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में 9,000 से ज्यादा लोग मारे गए और 23,000 से ज्यादा घायल हुए। इसका केंद्र नेपाल से 38 किलोमीटर दूर लामजुंग में था । नेपाल में 81 साल में ऐसा जबरदस्त भूकंप आया था। इससे पहले 1934 में नेपाल और उत्तरी बिहार में 8.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें
10,600 जानें गई थीं।
स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।

ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा –

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं । भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।

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