BJP vs Congress Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही मुकाबला अब मुख्य रूप से दो ध्रुवों में बंट गया है. एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी के करिश्माई चेहरे और सरकार के 10 साल के कामकाज की बदौलत भाजपा ‘400 पार’ के नारे लगा रही है, तो दूसरी तरफ कई दलों को एकजुट कर कांग्रेस का INDIA अलायंस सत्ता परिवर्तन का दावा कर रहा है. अब गेंद जनता के पाले में है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पांच साल बाद 2024 में जब मतदाता वोट देने जाएगा, चुनावी स्थिति कितनी बदली है. हां, पांच साल के दौरान राज्यों में हुए चुनावों में क्या हुआ? इस विश्लेषण से यह भी पता चलेगा कि राज्यों में विपक्षी दलों के एकजुट होने का क्या असर हो सकता है और एनडीए अलायंस कितना मजबूत दिख रहा है?

इसे टेस्ट मैच ही समझिए

अगर लोकसभा चुनाव को क्रिकेट का टेस्ट मैच समझें तो वनडे या IPL रूपी विधानसभा चुनावों के परफार्मेंस से क्रिकेटर या कहें कि दलों की सफलता का अनुमान लगाया जा सकता है. बीते पांच सालों में कुल 4,032 में से एक तिहाई से ज्यादा 1,455 विधायक बीजेपी के जीते हैं. कांग्रेस का अनुपात 1/6 विधायकों का रहा और उसके 684 MLA विधानसभाओं में जीतकर पहुंचे. अन्य दलों ने करीब आधी सीटें जीती हैं.

यहां गौर करने वाली बात यह है कि अन्य दलों में से कई दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन में हैं. वैसे, हाल के महीनों में गठबंधन में भी काफी उतार-चढ़ाव देखा गया. 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद कई राज्यों में असेंबली इलेक्शन हुए.

2019 में ही 359 : 171 के साथ एनडीए आगे

1. साल 2019 में ही आंध्र प्रदेश में हुए चुनावों में भाजपा के एक भी विधायक नहीं जीते और एनडीए के पास केवल एक विधायक रहा. कांग्रेस के 0 के साथ INDIA अलायंस जीरो ही है. राज्य की 174 सीटें अन्य के पास गई हैं.

2. अरुणाचल प्रदेश के चुनाव में भाजपा को 41, कांग्रेस को 4 सीटें मिलीं और अन्य ने 15 सीटें जीतीं. ऐसे में NDA और इंडिया गठबंधन का कुल शेयर 53 : 4 है.

3. हरियाणा के चुनावों में भाजपा को 40, कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं. एनडीए और INDIA का शेयर 51 : 31 रहा.

4. झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा को 25, कांग्रेस को 16 और अन्य को 40 सीटें मिलीं. इस तरह एनडीए और INDIA अलायंस की हिस्सेदारी 28 : 48 की है.

5. महाराष्ट्र के चुनाव में भाजपा को 105, कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं. अन्य के पास 139 सीटें गईं. आगे एनडीए गठबंधन और INDIA का अनुपात 186 : 78 रहा.

6. ओडिशा में भाजपा को 23 सीटें मिलीं, कांग्रेस को 9 और 114 विधायक अन्य दलों के जीते. इस तरह एनडीए और INDIA का अनुपात 23 : 10 का रहा. यहां बीजू जनता दल को एनडीए के साथ नहीं जोड़ा गया है लेकिन वह साथ आ सकती है.

7. सिक्किम के चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के एक भी विधायक नहीं जीते. अन्य के खाते में 32 सीटें गईं. आगे एनडीए और INDIA की हिस्सेदारी 17 : 0 की रही.

2020 में 130 : 172 के साथ INDIA आगे

इस साल बिहार और दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए थे. बिहार में भाजपा के 74 विधायक जीते और कांग्रेस के 19, बाकी 150 अन्य दलों के रहे. गठबंधन हुआ तो एनडीए के साथ इस समय 122 और INDIA गठबंधन के साथ 110 की ताकत खड़ी है. दूसरी तरफ दिल्ली में भाजपा के 8 एमएलए जीते थे और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला. AAP के 62 विधायक जीते थे. इस तरह गठबंधन का अनुपात देखेंगे तो यह NDA और INDIA का 8 : 62 है.

2021 में 243 : 536 के साथ INDIA आगे

– 2021 में पांच राज्यों में चुनाव हुए. असम में भाजपा के 60, कांग्रेस के 29 विधायक जीते. आज के समय में एनडीए गठबंधन और INDIA का गणित 75 : 30 का है.

– केरल में भाजपा का खाता नहीं खुला. कांग्रेस के 21 विधायक जीते बाकी 119 अन्य दलों के रहे. एनडीए के पास 0 और विपक्षी गठबंधन के पास 124 विधायक हैं.

– पुदुचेरी में भाजपा के 6 और कांग्रेस के 2 विधायक जीते. बाकी 22 अन्य दलों के रहे. इस तरह एनडीए के पास 16 और INDIA के 8 का आंकड़ा है.

– तमिलनाडु में भाजपा के 4, कांग्रेस के 18 विधायक जीते. बाकी 212 अन्य दलों के हैं. एनडीए और INDIA अलायंस में यह समीकरण 75 : 159 का है.

– पश्चिम बंगाल के चुनावों में भाजपा ने 77 सीटें जीती थीं और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला. अन्य दल (ज्यादातर टीएमसी) ने 217 सीटें जीतीं. आज एनडीए और INDIA के बीच शेयर 77 : 215 का है.

2022 में 591: 323 के साथ NDA आगे

– इस साल सात राज्यों में चुनाव हुए थे. गोवा में भाजपा ने 20 और कांग्रेस ने 11 सीटें जीतीं. इस तरह से एनडीए और विपक्षी अलायंस का शेयर 22 : 13 रहा.

– गुजरात में भाजपा के 156 विधायक जीते, कांग्रेस के 17 एमएलए जीते. आगे एनडीए और INDIA अलायंस की हिस्सेदारी 156 : 23 की रही.

– हिमाचल में भाजपा ने 25 और कांग्रेस ने 40 सीटें जीतीं. एनडीए के पास 25 और इंडिया अलायंस के पास 40 का आंकड़ा है.

– मणिपुर में भाजपा ने 32 और कांग्रेस ने 5 सीटें जीतीं. गठबंधन के लिहाज से NDA के पास 52 और विपक्षी गठबंधन में केवल 5 विधायक हैं.

– पंजाब में भाजपा ने 2 सीटें जीतीं और कांग्रेस के 18 एमएलए जीते. बाकी 97 अन्य दल के जीते. हालांकि एनडीए और विपक्ष के गठबंधन के बीच शेयरिंग 2 : 110 की है.

– यूपी में भाजपा को 255 और कांग्रेस को 2 सीटें ही मिलीं. इस तरह एनडीए के पास 287 और सपा के आने से INDIA का आंकड़ा 113 पहुंच गया.

– उत्तराखंड में भाजपा ने 47 और कांग्रेस ने 19 सीटें जीतीं. एनडीए और INDIA अलायंस का अनुपात 47 : 19 का है.

2023 में 570 : 396 के साथ NDA आगे

– छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 54 और कांग्रेस ने 35 सीटें जीतीं. एनडीए के पास 54 और विपक्षी गठबंधन के पास 35 सीटें ही रहीं.

– कर्नाटक चुनावों में भाजपा ने 66 जबकि कांग्रेस ने 135 सीटों पर कब्जा जमाया. इस तरह से एनडीए और विपक्ष के गठबंधन में 85 : 135 का अनुपात रहा.

– एमपी में भाजपा ने 163 और कांग्रेस ने 66 सीटें जीती. NDA और विपक्षी गठबंधन का अनुपात 163 : 66 का रहा.

– मेघालय में एनडीए और कांग्रेस+ का अनुपात = 42 : 10

– मिजोरम में एनडीए और कांग्रेस+ का अनुपात = 12 : 1

– नगालैंड में एनडीए और कांग्रेस+ का अनुपात = 56 : 0

– राजस्थान में एनडीए और कांग्रेस+ का अनुपात = 116 : 70

– तेलंगाना में एनडीए और कांग्रेस+ का अनुपात = 8 : 65

– त्रिपुरा में एनडीए और कांग्रेस+ का अनुपात = 34 : 14

इस तरह से एनडीए और विपक्ष के INDIA अलायंस को देखें तो एनडीए ज्यादा मजबूत दिखती है लेकिन अंतर बहुत बड़ा नहीं है. हां, एनडीए के 1893 तो INDIA के पास 1598 MLA की ताकत है. आंध्र प्रदेश और ओडिशा दो बड़े स्टेट हैं जहां की पार्टियां अभी किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं.

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