
20 साल बाद लौटी अनोखी प्रजाति
कई बार ऐसी प्रजातियां जो विलुप्त मान ली जाती हैं, अचानक से फिर दिखाई दे जाती हैं। ऐसा ही हुआ है कैरेबियाई देश बारबाडोस में, जहां वैज्ञानिकों ने करीब 20 साल बाद दुनिया का सबसे छोटा सांप – बारबाडोस थ्रेडस्नेक (Barbados Threadsnake) खोज निकाला है।
कितना छोटा और पतला है यह सांप?
बारबाडोस थ्रेडस्नेक की लंबाई सिर्फ 7.5 से 10 सेंटीमीटर होती है। यह इतना पतला होता है कि आराम से सुई के छेद से भी निकल सकता है। यही वजह है कि इसे देखना बेहद मुश्किल होता है।

अंधा और रहस्यमयी सांप
यह सांप अंधा होता है और अक्सर इसे लोग केंचुआ या ब्राह्मणी ब्लाइंड स्नेक समझ लेते हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि यह प्रजाति बेहद दुर्लभ है और 1889 के बाद से इसे बहुत कम बार ही देखा गया है।
केवल एक अंडा देता है
इस प्रजाति की मादा सांप एक बार में केवल एक अंडा देती है। यही कारण है कि इनकी संख्या बहुत तेजी से नहीं बढ़ पाती। साथ ही यह प्रजाति भारतीय नेवले जैसे शिकारी और जंगलों के खत्म होने से काफी प्रभावित हुई है।
जंगल खत्म हुए तो छिप गया सांप
बारबाडोस में पिछले 500 वर्षों में कृषि और पर्यटन के लिए लगभग 98% जंगल काट दिए गए। अब सांप केवल छोटे-छोटे जंगलों में ही पाया जाता है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन और दीमकों (इसका मुख्य भोजन) की संख्या घटने से इसकी आबादी और भी कम हो गई।
वैज्ञानिकों ने कैसे की पुष्टि?
मार्च 2025 में पर्यावरण वैज्ञानिक कॉनर ब्लेड्स ने रिसर्च के दौरान इस छोटे सांप को खोजा। बाद में इसे वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय ले जाया गया, जहां जांच में इसकी पहचान बारबाडोस थ्रेडस्नेक के रूप में हुई।
