वंदे भारत एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनें अपनी तेज रफ्तार के लिए जानी जाती हैं. लेकिन, अब उत्तर मध्य रेलवे ने कुछ ट्रेनों की गति को कम करने की गुजारिश की है. ‘द हिन्दू’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, नॉथ सेंट्रल रेलवे चाहता है कि रेलवे बोर्ड कुछ वंदे भारत एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस ट्रेनों की गति को 160 किलोमीटर प्रति घंटा से घटाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटा कर दे.
हाल में ही बंगाल में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद सुरक्षित ट्रेन परिचालन को लेकर रेलवे की चिंता बढ़ गई है. रेलवे ने ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई रूटों पर कवच सिस्टम लगाने का काम तेजी से कर रही है. रेलवे के द्वारा सभी रूट और ट्रेनों को स्वदेशी टक्कर रोधी उपकरण कवच से लैस करने के काम में तेजी लाई जा रही है. इसीलिए सुरक्षा कवच मिलने तक तेज गति से चलने वाली ट्रेनों की गति कम की जा रही है.
कंचनजंगा हादसे के बाद दिया प्रस्ताव
कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे के कुछ दिन बाद ही रेलवे बोर्ड (Railway Board) को एक प्रस्ताव भेजा गया है. इस प्रस्ताव में प्रीमियम ट्रेनों (Vande Bharat and Gatiman exp) की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा से घटाकर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की जाने की बात कही जा रही है. इस प्रस्ताव के कुछ ही दिन पहले ही कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा हुआ था. इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई थी. वहीं 40 लोग घायल हुए थे.
इन ट्रेनों की गति कम करने की गुजारिश
द हिंदू की खबर के मुताबिक, रेलवे के सूत्रों ने यह जानकारी दी है. कहा जा रहा है कि उत्तर केंद्रीय रेलवे ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है. इसमें ट्रेन नंबर 12050/12049 दिल्ली-झांसी-दिल्ली गतिमान एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 22470/22469 दिल्ली-खजुराहो-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 20172/20171 दिल्ली-रानी कमलापति-दिल्ली वंदेभारत एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 12002/12001 दिल्ली-रानी कमलापति-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस की रफ्तार कम कराने का सुझाव दिया गया है.
माना गया सुझाव तो क्या होगा असर?
अगर इस सुझाव का माना जाता है तो वंदे एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस की गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा कम हो जाएगी. ऐसे में इनको अपना सफर तय करने में 25 से 30 मिनट का ज्यादा समय लगेगा. इन बदलावों की वजह से कम से कम 10 प्रीमियम ट्रेन्स की टाइमिंग बदलनी पड़ेगी.