
अब बच्चे भी बन रहे हार्ट अटैक के शिकार
एक समय था जब हार्ट अटैक को उम्र बढ़ने की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। युवाओं के बाद अब बच्चे भी इस गंभीर समस्या की चपेट में आ रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक 7 वर्षीय बच्चे की स्कूल जाते वक्त हार्ट अटैक से मौत ने पूरे देश को चौंका दिया है।

डॉक्टर ने बताए बच्चों में बढ़ते हार्ट अटैक के मुख्य कारण
डॉ. गजेंद्र कुमार गोयल, (प्रोग्राम क्लिनिकल डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल फरीदाबाद) के अनुसार, बच्चों की लाइफस्टाइल में आया भारी बदलाव इस खतरनाक ट्रेंड की जड़ है।
बच्चों में हार्ट अटैक के प्रमुख कारण:
बढ़ता स्क्रीन टाइम, घटती फिजिकल एक्टिविटी
मोबाइल, लैपटॉप और टीवी के अत्यधिक इस्तेमाल से बच्चों में मोटापा, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं पनप रही हैं।
जंक फूड और मीठी चीजें बन रहीं दुश्मन
बच्चों की डाइट में अब हेल्दी खाने की जगह फ्राइड फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और शुगर युक्त चीजें शामिल हो गई हैं, जो ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाती हैं।
पढ़ाई और सोशल मीडिया का तनाव
आज के बच्चे शैक्षणिक दबाव, प्रतिस्पर्धा और सोशल मीडिया के मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, जो हॉर्मोनल असंतुलन के ज़रिए हार्ट पर असर डाल सकता है।
पारिवारिक और जेनेटिक कारण
अगर परिवार में किसी को पहले से हृदय रोग या कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही है, तो बच्चों में भी खतरा ज्यादा होता है। जन्मजात हार्ट डिफेक्ट भी एक बड़ा कारण है।
बचाव के उपाय: बच्चों को हार्ट अटैक से कैसे बचाएं?
✔️ बच्चों को संतुलित आहार दें जिसमें फल, सब्ज़ी, साबुत अनाज और कम फैट वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों।
✔️ नियमित व्यायाम और खेलकूद को दिनचर्या में शामिल करें।
✔️ स्क्रीन टाइम को सीमित करें और आउटडोर एक्टिविटी को बढ़ावा दें।
✔️ प्रॉपर नींद और तनावमुक्त माहौल सुनिश्चित करें।
✔️ समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं, खासकर अगर कोई लक्षण नजर आएं – जैसे थकान, सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, ब्लैकआउट आदि।
