
आयुर्वेद में गिलोय (Tinospora Cordifolia) को अमृत के समान माना जाता है। गिलोय का जूस इम्यूनिटी बढ़ाने, बुखार, डेंगू और एलर्जी जैसी समस्याओं में फायदेमंद माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गिलोय का जूस सभी के लिए सुरक्षित नहीं है? कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों में इसका सेवन आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
लो ब्लड प्रेशर वालों को हो सकता है खतरा
गिलोय का जूस ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।

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इसलिए हाई BP के मरीजों को यह फायदेमंद हो सकता है।
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लेकिन जिन लोगों को पहले से लो BP की समस्या है, उनके लिए यह घातक साबित हो सकता है।
👉 ऐसे लोग गिलोय का जूस लेने से बचें या पहले डॉक्टर से सलाह लें।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं रहें सतर्क
गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार का हर्बल टॉनिक डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।
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गिलोय में मौजूद कुछ तत्व गर्भ में पल रहे शिशु या दूध पिलाने वाले शिशु की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं।
🩺 इसलिए इस दौरान गिलोय का जूस पीने से पहले गायनिकोलॉजिस्ट की राय जरूर लें।
ऑटोइम्यून डिजीज से ग्रसित मरीज न करें सेवन
ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे रूमेटॉइड आर्थराइटिस, ल्यूपस, सोरायसिस आदि में गिलोय का जूस इम्यून सिस्टम को अधिक सक्रिय कर सकता है, जिससे लक्षण और अधिक बिगड़ सकते हैं।
⚠️ ऐसे मरीजों को गिलोय का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
डायबिटीज के मरीजों को बरतनी चाहिए सावधानी
गिलोय का जूस ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है।
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यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं और इंसुलिन या दवाएं ले रहे हैं, तो गिलोय का जूस लेने से हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) हो सकता है।
🩺 ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग और डॉक्टर की सलाह के बाद ही गिलोय का सेवन करें।
लिवर रोग में न करें लापरवाही
गिलोय का सेवन लिवर की सेहत के लिए सभी परिस्थितियों में सही नहीं होता।
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यदि आपको पहले से जिगर (लिवर) संबंधी कोई बीमारी है, तो बिना डॉक्टर की राय लिए इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
⚠️ लिवर एंजाइम्स पर असर डालने की वजह से यह स्थिति और खराब हो सकती है।
