वेलविचिया: कभी न मरने वाला पौधा जो रेगिस्तान में भी हजारों साल तक जिंदा रहता है!

वैज्ञानिक भी रह गए हैरान, नामीब रेगिस्तान में दिखा जीवन का चमत्कार

धरती पर कई अद्भुत जीव और पौधे मौजूद हैं, लेकिन वेलविचिया (Welwitschia) जैसा पौधा शायद ही कोई दूसरा हो। ये पौधा दुनिया के सबसे शुष्क और गर्म रेगिस्तान – नामीब डेजर्ट – में भी हजारों साल तक जीवित रह सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह पौधा ना सिर्फ जीवित रहता है बल्कि अनुकूलन की जबरदस्त मिसाल भी पेश करता है।

सिर्फ दो पत्तियां, लेकिन जीवन हजारों सालों का!

इस पौधे की सबसे खास बात यह है कि पूरे जीवनकाल में केवल दो पत्तियां उगती हैं। ये पत्तियां समय के साथ लंबी होती जाती हैं, फटती हैं और मुड़ जाती हैं। अफ्रीकांस भाषा में इसे कहा जाता है – “Tweeblaarkanniedood”, जिसका मतलब होता है: “दो पत्तियां जो कभी नहीं मरतीं”

कैसे जिंदा रहता है रेगिस्तान की कठोरता में?

जहां नामीब रेगिस्तान में सालाना बारिश महज 2 इंच होती है, वहां भी वेलविचिया जीवित रहता है। इसके पीछे कारण है इसका अत्यंत “कम लागत वाला अनुकूलित जीनोम”। हालिया शोधों में पाया गया कि इस पौधे का जीनोम इतना विकसित और शक्तिशाली है कि यह सूखा, गर्मी और पोषण की कमी जैसे हालातों को भी सहन कर लेता है।

86 मिलियन साल पुराना जीनोमिक रहस्य

शोध के अनुसार, करीब 86 मिलियन साल पहले वेलविचिया के जीनोम में एक कोशिकीय त्रुटि के कारण उसका पूरा जीनोम दोगुना हो गया। इसके बाद जीनोमिक स्तर पर कई बदलाव हुए, जिससे पौधे में डीएनए संरक्षित करने की शक्ति बढ़ गई। इसका “मूल्य-कुशल जीवन तंत्र” इसे लंबे समय तक जीवित रहने में मदद करता है।

कृषि विज्ञान के लिए संकेत बन सकता है यह पौधा

वैज्ञानिक मानते हैं कि वेलविचिया जैसे पौधों से भविष्य की कृषि तकनीकों में सुधार के लिए अहम सुराग मिल सकते हैं। इसकी जीवन शक्ति, लचीलापन और डीएनए संरचना ऐसे इलाकों में खेती की संभावना जगा सकती है, जहां अब तक कोई उम्मीद नहीं थी।

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