अंबिकापुर। सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र के कुमडेवा जंगल में हाथियों के हमले से ग्रामीण की मौत हो गई। गुरुवार सुबह जंगल में उसका क्षत-विक्षत शव मिला। मृतक की पहचान टापू मझवार कुमडेवा के रूप में की गई है। हाथी देखने के चक्कर में यह हादसा हुआ है। 11 हाथियों का दल पिछले 20 दिनों से उदयपुर वन क्षेत्र में विचरण कर रहा है। वन अमले की सक्रियता के कारण अभी तक जनहानि की घटनाएं नहीं हुई थी।
बुधवार की शाम को हाथियों का दल कुमडेवा जंगल किनारे धान के खेतों में पहुंच गया था। हाथियों को देखने के लिए महिला और बच्चे सहित ग्रामीण जंगल के दो से तीन किलोमीटर भीतर घुस गए थे। वन विभाग की टीम लगातार ग्रामीणों को सतर्क कर रही थी। रातभर धान की फसल खाकर तथा पैरों से कुचल हाथियों का दल नजदीक के जंगल में चला गया था।
देर रात तक वन विभाग की टीम भी आसपास ही लोगों को समझाइश देने में लगा था।सुबह लोग जंगल गए तो हादसे की जानकारी मिली। ग्रामीण का शव जंगल के भीतर पड़ा हुआ था। हाथियों के हमले से मृतक के शरीर का अंग भंग हो गया था। हाथियों ने उसे बुरी तरह से कुचल दिया था।
तत्काल सूचना पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी घटनास्थल पहुंच गए थे।इस हादसे को वन अमला की समझाइश को नजरअंदाज करने के कारण माना जा रहा है। जंगली हाथियों को देखने तथा फ़ोटो और वीडियो के लिए लोग लगातार उनके पीछे जा रहे थे।
रात को इस क्षेत्र में वन अधिकारियों-कर्मचारियों की भी उपस्थिति थी लेकिन किसी को घटना का पता नहीं था। 20 दिनों से हाथी क्षेत्र में है। समय-समय पर जंगली हाथी उदयपुर-केदमा मुख्य मार्ग पर भी आ जाते है। हाथियों के हमले से पिछले दिनों मोटरसाइकिल सवार दंपती बाल-बाल बच गए थे। जंगली हाथियों ने एक मिनी ट्रक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। चालक व श्रमिक जान बचाकर भाग निकले थे। जंगली हाथियों ने अभी तक 100 एकड़ से अधिक धान की फसल को भी नष्ट किया है।