रायपुर
पर्यावरण की सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच से शुरु हुई गोधन न्याय योजना का पूरा देश मुरीद हो चुका है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस योजना की शुरूआत की थी जो आज पूरी तरह से सफल होती नजर आ रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी शासकीय विभागो के लिए निर्देश जारी किया है कि अब शासकीय कार्यालयों, निगम मंडल और अन्य जितने भी सरकारी दफ्तर हैं, उनमें रंग रोगन में गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल होगा।
मुख्यमंत्री के इस फैसले का केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने स्वागत किया है। श्री गडकरी ने ट्वीट कर लिखा है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागीय निर्माण में गोबर से बने प्राकृतिक पेंट के इस्तेमाल का निर्देश छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया है, उनके इस फैसले का अभिनंदन करता हूं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ये फैसला सराहनीय और स्वागत योग्य है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भी ट्वीट करते हुए केंद्रीय मंत्री गड़करी को धन्यवाद देते हुए कहा है कि नेक इरादों से ही देश और प्रदेश दूसरों के लिए प्रेरणा बनते है। श्री बघेल ने कहा है कि गोधन और श्रम का सम्मान कर छत्तीसगढ़ गांधी जी के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
कई मंचों पर छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना की तारीफ खुद प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री कर चुके हैं। इसके अलावा इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। यहां तक की इस योजना के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कई राज्य अपने यहां के अधिकारियों को भी छत्तीसगढ़ के दौरे पर भेज चुके हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी शासकीय विभागों, निगम-मंडलों एवं स्थानीय निकायों में भवनों के रंग-रोगन के लिए गोबर पेंट का अनिवार्यतः उपयोग करने के निर्देश दिये हैं। पूर्व में जारी किए गए निर्देशों के बावजूद अभी भी निर्माण विभागों द्वारा केमिकल पेंट का उपयोग किए जाने पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि निर्देशों का उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्य सचिव को सभी विभागों, निगम-मंडलों और स्थानीय निकायों को भवनों के रंगरोगन के लिए गोबर पेंट का उपयोग अनिवार्यतः करने के निर्देश जारी करने को कहा है। श्री बघेल ने कहा है कि गोबर पेंट का उपयोग ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।