रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को देश में सैन्य मोबिलाइजेशन और मार्शल लॉ की घोषणा कर दी। इस फैसले का रूस में कई जगहों पर विरोध हो रहा है। इसी कड़ी में रूस के नागरिक अब गूगल पर ‘देश कैसे छोड़े’ और ‘घर पर एक हाथ कैसे तोड़ें’ ऐसे सवालों के जवाब ढूंढ़ रहे हैं।
क्योंकि ये नागरिक यूक्रेन युद्ध में नहीं जाना चाहते हैं। रूसी राष्ट्रपति के संबोधन ने नागरिकों के बीच बेचैनी पैदा कर दी है। जैसे ही रिजर्विस्ट को ड्यूटी पर बुलाया गया, तो उनके चिंतित रिश्तेदार देश से भागने के तरीके गूगल पर खोजने लगे,
ताकि उनके प्रियजनों को दोबारा सेना में न बुलाया जाए। इससे पता चलता है कि रूस के नागरिक यूक्रेन युद्ध में शामिल होकर खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार नहीं हैं। पुतिन के इस ऐलान के बाद रूस से बाहर जाने वाली फ्लाइट्स की बुकिंग में भी जबरदस्त तेजी देखी गई है।
जवानों की आंशिक तैनाती की घोषणा –
यूक्रेन के साथ करीब सात महीने से जारी युद्ध में मिले झटके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश में जवानों की आंशिक तैनाती की घोषणा की और कहा कि यह उपाय आवश्यक है क्योंकि रूस पूरी पश्चिमी सैन्य मशीन से लड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि 3,00,000 रिजर्विस्ट (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है।
कौन होता है रिजर्विस्ट –
रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है जो ‘मिलिट्री रिजर्व फोर्स’ का सदस्य होता है। यह आम नागरिक होता है जिसे सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है तथा जरुरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। शांतिकाल में यह सेवाएं नहीं देता है।
पुतिन ने कहा कि विस्तारित सीमा रेखा, यूक्रेन की सेना द्वारा रूसी सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार गोलाबारी और मुक्त कराए गए क्षेत्रों पर हमलों के लिए रिजर्व से सैनिकों को बुलाना आवश्यक था।