Life of Lionel the Lion-faced Man: एक शख्स, जिसके चेहरे पर बहुत बाल थे. उसने अपनी इस अनोखी खूबी को अपना हथियार बनाया और फिर दुनिया भर में दिग्गज एंटरटेनर के रूप में शोहरत कमाई. चेहरे पर अधिक बाल होने से उसका चेहरा शेर जैसा दिखता था. जी हां, हम बात कर रहे हैं- स्टीफ़न बिब्रोव्स्की की, जिन्हें ‘लियोनेल- द लायन फेस्ड मैन’ के नाम से भी जाना जाता है. आइए उनके अद्भुत जीवन के बारे जानते हैं.

डेलीस्टार की रिपोर्ट के अनुसार, ‘लियोनेल- द लायन-फेस्ड मैन’ का जन्म 1890 में कांग्रेस पोलैंड के ग्रोजेक काउंटी के विल्ज़ोगोरा [Wilczogóra] में हुआ था. उसके बचपन का नाम स्टीफ़न बिब्रोव्स्की था. वह कई मायनों में एक औसत बच्चा था, लेकिन जो चीज स्टीफन को बाकी बच्चों से अलग करती थी, वो थी- उसके शरीर पर अधिक बालों का होना. उसकी बॉडी पर 2.5 सेमी लंबे बाल थे. ये बाल इतने अधिक थे कि उसका पूरा शरीर इनसे ढका हुआ.

स्टीफन की शेर से होने लगी तुलना

बढ़ती उम्र के साथ, स्टीफ़न के बाल उसके चेहरे पर 20 सेमी और उसके शरीर के बाकी हिस्सों पर लगभग 10 सेमी तक बढ़ गए. इन बढ़े हुए बालों के कारण उसकी तुलना शेर से की जाने लगी. उसके सुनहरे बाल जंगल के राजा की जटाओं से भिन्न नहीं थे.

स्टीफन के शरीर पर लंबे बाल होने का कारण?

स्टीफन हाइपरट्रिचोसिस से ग्रसित थे. यह एक एब्नॉर्मलिटी है, जिससे पीड़ित इंसान के शरीर पर भारी मात्रा में बाल निकल आते हैं. स्टीफन की ऐसी कंडीशन पर उनकी मां का कहना था जब वह प्रेग्नेंट थी तब उसके पति पर शेर ने हमला कर दिया था, जिसे उन्होंने अपनी आंखों से देखा था. शायद यही वजह थी कि स्टीफन को ये एब्नॉर्मलिटी हुई.

चार साल में शुरू किया करियर

चार साल की उम्र में स्टीफन को सेडलमेयर नाम के एक जर्मन इम्प्रेसारियो को सौंप दिया गया और यहीं से उनके एक एंटरटेनर के रूप में करियर की शुरुआत हुई. उन्होंने जिमनास्ट के गुर सीखे और फिर ‘दहाड़ते’ हुए दुनिया भर में फेम हासिल किया. उसकी लाइफ एक सेलिब्रिटी जैसी थी. वह स्टेज पर लियोनेल नाम से शोज किया करते थे. एक कलाकार के रूप में उन्होंने यूरोप की यात्रा की. उनके कथित अच्छे स्वभाव ने उन्हें पूरे महाद्वीप में पॉपुलर बना दिया.

हार्ट अटैक से हुई स्टीफन की मौत

स्टीफन ने 1901 में अमेरिका में बार्नम और बेली सर्कस में काम किया. वह न्यूयॉर्क सिटी के कोनी द्वीप पर बहुत लोकप्रिय हुए और 1920 में अमेरिका में बस गए. दशक के अंत में, वह वापस जर्मनी चले गए और 1932 में 41 साल की आयु में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. अपनी मृत्यु के समय तक वह विश्व ख्याति की एक इंटरनेशनल सनसनी थे.

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