आमतौर पर हर देश की एक बाउंड्री होती है. उसकी एक सीमा रेखा होती है. उसी हद में वह मुल्क अपनी गतिविधियां करते हैं. सीमा पर सेना तैनात होती है जो देश के लोगों की सुरक्षा करती है. कई जगह घुसपैठ रोकने के लिए बाड तक लगाई गई है. इलेक्ट्रिक करंट वाली तारें फैली हुई हैं ताकि कोई अन्य मुल्क से अंदर न आ पाए. लेकिन सोचिए क्या कोई ऐसा शहर हो सकता है, जो दो मुल्कों में बंटा हो? सोच में पड़ गए न आप. लेकिन सच में ऐसा है. यूरोप के एक देश में ऐसी स्थिति बनी हुई. आइए जानते हैं वहां शासन प्रशासन कैसे चलता है.
जी हां. यूरोप का एक शहर ऐसा ही है. दिखता यूरोपीय है, लेकिन यहां खूबसूरत नजारों के अलावा और भी बहुत कुछ है. जैसे यहां सबकुछ 2-2 हैं. आमतौर पर किसी शहर को संभालने के लिए एक पुलिस यूनिट होती हैं, लेकिन यहां दो पुलिस यूनिट बनाई गई हैं. प्रार्थना के लिए दो बड़े चर्च हैं. दो पोस्ट ऑफिस, 2 टाउनहाल और 2-2 मेयर भी. कुछ लोगों के घर भी इस तरह बंटे हुए हैं कि आधा इस मुल्क में तो आधा हिस्सा दूसरे मुल्क में है. आप सोच रहे होंगे कि फिर बंटवारा कैसे हो गया?
तकरीबन 8 हजार लोग रहते यहां
दरअसल, इस शहर का नाम बार्ले है जो बेल्जियम और हॉलैंड के बीच बंटा हुआ है. यह शहर किसी पहली से कम नहीं. इसका एक हिस्सा नासाऊ नीदरलैंड यानी हॉलैंड में पड़ता है तो दूसरा हिस्सा बेल्जियम में. शहर में तकरीबन 8 हजार लोग रहते हैं. इसे आप और आसानी से समझिए. बेल्जियम के 22 हिस्से ऐसे हैं जो नीदरलैंड में पड़ते हैं; कहानी यहीं खत्म नहीं होती, नीदरलैंड के भी 7 हिस्से बेल्जियम में पड़ते हैं;
आखिर ऐसा हुआ कैसे?
आखिर ऐसा हुआ कैसे? दरअसल, 1998 में 2 शासक जमीन के कई हिस्सों को बांटने पर राजी हुए. आज के यह इलाके उसी समझौते का नतीजा हैं. अगर आप वहां जाएंगे तो आप भी समझ पाएंगे कि आप किस मुल्क में खड़े हैं. लोग मुख्य दरवाजे के नियम से पता लगाते कि वे किस देश में हैं. यहां क्रॉस बना हुआ है जो पहचान है. आपका घर उस देश में होगा जहां उसका मुख्य दरवाजा है. बॉर्डर पर नीदरलैंड वाले हिस्से की ओर NL लिखा है तो बेल्जियम वाले हिस्से की ओर B लिखा है.