
यरूशलेम के पास स्थित एक प्राचीन गुफा, जिसे अब तक ईसा मसीह की दाई सोलोमे का अंतिम विश्राम स्थल माना जाता रहा है, वैज्ञानिकों के एक नए अध्ययन के बाद विवादों में आ गई है। इस गुफा को लेकर किए गए खुलासे ने ईसाई धार्मिक विश्वासों की नींव को झकझोर दिया है।
क्या सोलोमे की गुफा नहीं है पवित्र? वैज्ञानिकों ने पेश किया नया नजरिया
Israel Antiquities Authority (IAA) के पुरातत्वविदों के अनुसार, यह गुफा शायद किसी राजपरिवार की महिला, संभवतः राजकुमारी सोलोमे की हो सकती है, न कि यीशु मसीह की दाई की।
गुफा में खुदा हुआ ‘सोलोमे’ नाम अब सवालों के घेरे में है — यह उस समय के आम यहूदी नामों में से एक भी हो सकता है।

हज़ारों साल से चलती आ रही आस्था पर मंडराया संशय का बादल
यह गुफा ईसाइयों के लिए सदियों से एक तीर्थस्थल रही है, जहां 8वीं सदी से लोग तेल के दीपक जलाते आए हैं, ठीक वैसे ही जैसे आज चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं।
लेकिन अब वैज्ञानिकों की टीम कह रही है कि यह स्थान संभवतः एक यहूदी राजपरिवार की आलीशान कब्रगाह रहा होगा।
भव्य कब्रिस्तान या धार्मिक स्थल? जानिए गुफा की परतों में छिपी कहानी
गुफा के अंदर कई चैंबर, अस्थि पात्र और चट्टानों को काटकर बनाई गई कब्रें हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह राजा हेरोद महान की बहन या पोती सोलोमे की हो सकती है — वही हेरोद जिसने बाइबिल के अनुसार कई मासूम बच्चों की हत्या करवाई थी।
बाइबिल में भी है ‘सोलोमे’ का उल्लेख, लेकिन कौन थी असली सोलोमे?
बाइबिल में एक मिडवाइफ का जिक्र है जो मरियम से मिलती है और यीशु के जन्म के चमत्कार से जुड़ी होती है।
लेकिन ‘सोलोमे’ नाम उस युग में आम था, और इस पर आधारित मान्यता को अब चुनौती दी जा रही है।
यरूशलेम से 48 किमी दूर स्थित है यह गुफा
यह पवित्र मानी जाने वाली गुफा यरूशलेम से करीब 48 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। इसका संबंध यहूदी इतिहास के ‘दूसरे मंदिर काल’ से भी जोड़ा जा रहा है।
क्या कहता है नया शोध?
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गुफा की भव्यता से संकेत मिलता है कि यह राजपरिवार की संपत्ति रही हो सकती है।
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यह भी संभावना है कि यह सोलोमे I (हेरोद की बहन) या सोलोमे II (हेरोद की पोती) की कब्र हो।
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एक और मत के अनुसार यह यीशु की अनुयायी सोलोमे, मरियम की बहन हो सकती हैं।
