झुलसाने वाली गर्मी में भी ये संत कर रहे अग्नितप, शरीर को बना लिया है वज्र! तपस्या के समय रखते हैं कठोर व्रत...

45 डिग्री तापमान में अग्नि के सामने साधना, वज्र समान बना लिया शरीर

सीकर (राजस्थान)। जहां चिलचिलाती गर्मी में लोग छांव ढूंढ रहे हैं, वहीं मूंडवाड़ा के जसनाथ आश्रम में महंत गोपीनाथ जी महाराज 9 दिनों की अखंड अग्नि तपस्या में लीन हैं। 45 डिग्री से अधिक तापमान में भी वे अग्नि के चारों ओर बैठकर कठोर साधना कर रहे हैं।

तपस्या की शुरुआत 18 मई से, समापन 27 मई को

स्थानीय निवासियों के अनुसार, 18 मई से लेकर 27 मई तक महाराज अग्नि तप में लीन रहेंगे। इस दौरान आश्रम में लगातार पूजा-पाठ और महिलाओं द्वारा भजन-कीर्तन हो रहे हैं। यह तपस्या विश्व शांति के उद्देश्य से की जा रही है।

ना अन्न, ना जल – संपूर्ण संयम का पालन

स्थानीय निवासी संतोष जांगिड़ ने बताया कि महाराज दिनभर अन्न और जल का भी सेवन नहीं करते। सुबह 11 बजे से वे अग्नि के सामने बैठकर मंत्र जाप शुरू करते हैं और फिर समाधि अवस्था में चले जाते हैं। शाम 5 बजे तक यह तप जारी रहता है, उसके बाद वे विश्राम करते हैं।

अग्नि, मौन और मन की साधना का संगम

यह तपस्या केवल अग्नि के सामने बैठना नहीं है, बल्कि यह मौन, मानसिक और शारीरिक नियंत्रण का प्रतीक है। भारत में संतों की तपस्या की परंपरा पुरानी है, लेकिन इस भीषण गर्मी में ऐसी तपस्या एक विरले उदाहरण के रूप में सामने आई है।

27 मई को होगा विशेष समापन आयोजन

महंत गोपीनाथ जी महाराज की तपस्या का समापन 27 मई को होगा। इस अवसर पर मूंडवाड़ा के जसनाथ आश्रम में विशेष धार्मिक आयोजन रखा गया है, जिसमें दूर-दराज से श्रद्धालु शामिल होंगे।

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