नई दिल्ली: देश की राजनीति में ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से निकलता है और उत्तर प्रदेश का रास्ता पूर्वांचल से. यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी उस किले को मजबूत करने में जुट गई है, जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में कुछ कसर बाकी रह गई थी. जी हां, भाजपा अब अपने पूर्वांचल किले को मजबूत करने में जुट गई है. पूर्वांचल में पीएम मोदी की आज ताबड़तोड़ रैलियां हैं. वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल करने और रोड शो में शक्ति प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरुवार को भाजपा के लिए पूर्वांचल में मेगा शो करने जा रहे हैं. पीएम मोदी गुरुवार को प्रतापगढ़, आजमगढ़, जौनपुर और भदोही में हुंकार भरेंगे और भाजपा की दावेदारी को और मजबूत करेंगे. इन सीटों पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा.

पीएम मोदी की पहली रैली आजमगढ़ जिले के लालगंज के निजामाबाद विधानसभा क्षेत्र में होगी, उसके बाद दूसरी रैली जौनपुर के मछलीशहर, तीसरी भदोही और चौथी रैली प्रतापगढ़ में होगी. यह उत्तर प्रदेश में इस चुनाव में एक दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे अधिक रैलियां होंगी. यहां बताना जरूरी है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, जिसे पूर्वांचल कहा जाता है, में अधिकांश सीटों पर भाजपा का सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन से है.

अभी और होंगी रैलियां

भाजपा का पूर्वांचल पर कितना फोकस है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी आने वाले दिनों में जौनपुर और भदोही जिलों में दो और रैलियों को भी संबोधित करेंगे. इतना ही नहीं, आने वाले दिनों में पीए मोदी पूर्वी उत्तर प्रदेश के बस्ती और देवरिया जिलों में भी चुनावी जनसभा को संबोधित करते नजर आएंगे. माना जा रहा है कि पीएम मोदी 21 मई को इन दोनों जिलों में जनसभा को संबोधित करेंगे. बस्ती में भी छठे चरण में ही 25 मई को मतदान होना है. इसके अलावा, 21 मई को ही पीएम मोदी वाराणसी में एक महिला सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. भारतीय जनता पार्टी ने आजमगढ़ से दिनेशलाल यादव निरहुआ, प्रतापगढ़ से संगमलाल गुप्ता, जौनपुर से कृपाशंकर सिंह और भदोही से विनोद कुमार बिंद को उम्मीदवार बनाया है.

क्या रहा है पूर्वांचल का हाल?

दरअसल, 2019 में मोदी मैजिक के बावजूद भारतीय जनता पार्टी पूर्वांचल को पूरी तरह से फतह नहीं कर पाई थी. बसपा और सपा की वजह से भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वांचल इलाकों में एकतरफा जीत हासिल नहीं कर पाई थी. पूर्वांचल में करीब 26 लोकसभा सीटें आती हैं. भाजपा ने पूर्वांचल की 26 सीटों में से 17 सीटों पर जीत का परचम लहराया था, जबकि दो सीटों पर एनडीए की सहयोगी दल अपना दल (एस) ने बाजी मारी थी. 2019 में घोसी, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, अंबेडकर नगर समेत कुल 7 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. इनमें से मायावती की बसपा ने घोसी, गाजीपुर, जौनपुर और अंबेडकर नगर सीटों पर बाजी मारी थी, जबकि सपा ने आजमगढ़ सीट जीती थी.

मोदी-योगी का गढ़ है पूर्वांचल

यही वजह है कि इस बार कोई कसर बाकी न रह जाए, इसलिए भाजपा अब अभी से ही 2024 की सियासी जमीन तैयार करने में जुटी है. यहां बताना जरूरी है कि पूर्वांचल खुद पीएम मोदी और सीएम योगी का गढ़ है. पीएम मोदी की संसदीय सीट जहां बनारस है, वहीं योगी आदित्यनाथ ने लंबे समय तक गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया है. हालांकि, पिछली बार गोरखपुर से भाजपा ने रवि किशन को उतारा था और इस बार भी मैदान में रवि किशन ही हैं. अब देखने वाली बात होगी कि पीएम मोदी अपनी इन ताबड़तोड़ रैलियों से पूर्वांचल को लेकर उठ रहे सवालों को दूर करके नतीजों में तब्दील कर पाते हैं या नहीं.

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