Secret of Pataudi Palace: गुरुग्राम में बना पटौदी पैलेस हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचता है. ये बना तो गुड़गांव में है, लेकिन इसकी चमक देश हर कोने में है. अक्सर इस पैलेस में सैफ और करीना बच्चों के साथ वकेशन पर भी जाते हैं. लेकिन इस शाही पैलेस के कई राज है जिसके बारे में सोहा अली खान ने खुलासा किया. सोहा ने इस पैलेस के खर्चे से लेकर इसे मेंटेन करने के क्या-क्या किया जाता है वो सब डिटेल में बताया.
नहीं होता पेंट
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सैफ की छोटी बहन सोहा अली खान हाल ही में साइरस बरोच के यूट्यूब चैनल में इंटरव्यू दिया. इस दौरान सोहा ने बताया कि इस पैलेस का सारा हिसाब किताब उनकी मां शर्मिला टैगोर रखती हैं. सोहा ने कहा कि ये पैलेस इतना बड़ा है कि इसमें व्हाइटवॉश होता है, पेंट नहीं.. क्योंकि वो थोड़ा कम महंगा पड़ता है.
सालों ने नहीं खरीदा गया कुछ नया
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एक्ट्रेस ने कहा कि कई सालों से इस पैलेस में कुछ भी नया लेकर नहीं आए हैं. हालांकि इस पैलेस का आर्किटेक्चर काफी खूबसूरत है जिससे सभी अट्रैक्ट होते हैं, चीजों से नहीं.
नहीं बन पाईं प्रिसेंस
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इस बातचीत में सोहा ने पटौदी पैलेस के इतिहास को लेकर भी बात की. एक्ट्रेस ने कहा कि ‘सैफ का जन्म 1970 में हुआ था इसलिए वो प्रिंस बन गए. जब उनका जन्म हुआ था तब रॉयल टाइटल खत्म हो गए थे. इसलिए सैफ तो प्रिंस बन गए और वो प्रिसेंस नहीं बन पाईं. सोहा ने कहा कि इस टाइटल के साथ काफी बड़ी जिम्मेदारी होती है और बिल भी.’
क्यों बना था पटौदी पैलेस?
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सोहा ने अपने दादा-दादी के बारे में भी बात की. इन्होंने कहा कि इनकी दादी भोपाल की बेगम थीं और दादा पटौदी के नवाब. दादा कॉम्पटेटिव स्पोर्स्ट्समैन थे और दादी के पापा उनसे जलते थे. यही वजह है उनके दादा ने उन्हें इंप्रेस करने के लिए पटौदी पैलेस बनाया. लेकिन फिर पैसे कम पड़ गए मार्बल के लिए.
कार्पेट के नीचे छिपा है राज
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इसी दौरान सोहा ने पटौदी पैलेस का वो राज खोला जिसके बारे में किसी को भी कानों कान खबर नहीं थी. एक्ट्रेस ने कहा कि आपने देखा होगा कि पैलेस में जगह-‘जगह कई कार्पेट हैं. दरअसल, पैसे खत्म हो गए थे तो मार्बल नहीं था. ऐसे में इन कार्पेट के नीचे सीमेंट है जिसे उससे कवर किया गया है.’आपको बता दें, पटौदी पैलेस 1935 में बनकर तैयार हुआ था. ये 10 एकड़ में फैला हुआ है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.