Trending News: पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. बीमार दादी की अस्पताल में मौत हुई तो शादी के घर की खुशियों में मानों खलल पड़ गया. शादी के रंग में कोई भंग ना पड़े, इसलिए दादी की डेड बॉडी को तीन दिन के लिए मोर्चरी में रखवा दिया गया. बाकायदा अस्पताल प्रबंध को लिखकर दिया गया कि घर में शादी है. दादी के मृत शरीर को अस्पताल की मोर्चरी में रख रहे हैं. तीन दिन बाद 12 जून की सुबह ले जाएंगे. दरअसल, पूरा मामला नई मंडी कोतवाली इलाके के भोपा रोड स्थित ईवान मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का है.
दादी की मौत के बाद शव को कर दिया नजर बंद
बीते शनिवार को सिसौली गांव निवासी 75 वर्षीय कमला नामक वृद्ध महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई. जाहिर है कि परिवार के बड़े बुजुर्ग की मौत पर हर किसी को दुख होता है, लेकिन यहां शायद इसके बिल्कुल उलट था. परिवार वालों को बुजुर्ग कमला की मौत के बजाए उनकी मौत की टाइमिंग का ज्यादा दुख था, क्योंकि 11 जून को कमला के पोते शिवम की बारात जो जानी थी. इसी वजह से परिजनों ने वृद्धा कमला की मौत को ज्यादा तरजीह न देते हुए शादी की खुशियों पर लगने वाले ग्रहण को ज्यादा मान्यता दी. शायद इसी वजह से उन्होंने कमला की मौत को तीन दिन के लिए राज बनाए रखने का निर्णय लिया.
शनिवार दोपहर को वृद्धा की डेड बॉडी को तीन दिन के लिए ईवान हॉस्पिटल की मोर्चरी में रख दिया गया. साथ ही स्पष्ट शब्दों में लिखकर दिया गया कि घर में शादी है, उसके बाद डेड बॉडी को ले जाएंगे. आरोप है कि इसके लिए अस्पताल प्रबंध-तंत्र मोर्चरी फीस के एवज में बाकायदा एक मोटी रकम भी वसूल की.
अस्पताल प्रबंधन को किसने लिखकर दिया था घर में है शादी
मृतका कमला के पोते गौरव गुप्ता पुत्र नरेंद्र गुप्ता ने अस्पताल प्रबंधन को लिखकर दिया था. इसी बीच कमला के संत बेटे स्वामी भक्ति भूषण गोविंद को अपनी मां की तबियत ज्यादा खराब होने की खबर मिली तो वो रात के वक्त ही अपने समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने अपनी मां को ICU में देखने जाने की जिद की तो उसे अंदर नहीं जाने दिया. जब उसे मां की मौत की हकीकत का पता लगा तो मां के मृत शरीर को अस्पताल प्रबंध-तंत्र से सुपुर्द करने की मांग की, लेकिन अस्पताल ने इसके लिए इनकार कर दिया. जिसको लेकर अस्पताल स्टाफ के साथ उनकी बहस भी हुई. हंगामा होते देख अस्पताल प्रबंधन ने परिवार के उन सदस्यों को भी बुला लिया, जो डेड बॉडी को मोर्चरी में रखवा कर गए थे.
हंगामे के बाद स्वामी भक्ति भूषण गोविंद ने 10 हजार रुपये बतौर मोर्चरी फीस जमा कर अपनी मां के मृत शरीर को अस्पताल प्रबंधन से अपने सुपुर्द लिया. जिसके लिए उन्हें भी बाकायदा उसी पर्चे पर ये लिखकर देना पड़ा कि मैं स्वामी भक्ति भूषण गोविंद अपनी पूज्य मां का शरीर लेकर हॉस्पिटल से श्रीधाम शुक्रताल जा रहा हूं, जहां इनका दाह-संस्कार किया जाएगा! टेलीफोनिक वार्ता के दौरान गौरव गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दादी की मौत की वजह से शादी फिलहाल स्थगित कर दी गई है. उन्होंने ये भी बताया कि वो लोग परिवार समेत शुक्रतीर्थ गए थे और दादी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
हालांकि उन्होंने दादी की डेडबॉडी को तीन दिन तक शादी की वजह से मोर्चरी में रखने के कारण को स्पष्ट नहीं किया.
कौन है स्वामी भक्ति भूषण गोविंद?
दरअसल, स्वामी भक्ति भूषण गोविंद कोई और नहीं, बल्कि बच्चों के यौन आरोपों को लेकर चर्चाओं में आने वाले शुक्रतीर्थ स्थित गौड़ीय मठ के मठाधीश एवं कथा वाचक हैं. इनके दो भाई और भी हैं, जिनमें से एक का नाम नरेंद्र गुप्ता है. मां कमला भी बेटे नरेंद्र गुप्ता के साथ गांव सिसौली में ही रहती थी. दादी कमला के मृत शरीर को शादी की वजह से 3 दिन के लिए मोर्चरी रखने वाला गौरव गुप्ता भी नरेंद्र गुप्ता का ही बेटा है.