खूंखार अपराधियों को लंबी से लंबी सजा सुनाई जाती है ताकि वे कभी जेल से बाहर न आएं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे दुनिया की सबसे लंबी जेल की सजा दी गई थी. आप जानकर हैरान होंगे कि अदालत ने इस महिला को 1 लाख 41 हजार 78 साल की सजा सुनाई थी. इस जुर्म जानने के बाद आप दांतों तले उंगली दबा लें. भारत से भी इस महिला का गहरा रिश्ता रहा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड की चमोए थिप्यासो (Chamoy Thipyaso) को अदालत ने 1989 में सजा सुनाई थी. उस पर एक ‘चिट फंड’ के जरिए 16231 लोगों के साथ फर्जीवाड़ा करने और करीब 19 करोड़ रुपये हड़पने का जुर्म साबित हुआ था. ‘चिट फंड’ कंपनी माई चामोय फंड की मदद से चमोए ने भारत के केरल में कई लोगों को शिकार बनाया. दावा किया था कि निवेश के बदले एक तेल बांड दिया जाएगा और बाद में उच्च रिटर्न मिलेगा. चमोए तब थाईलैंड की सरकारी तेल कंपनी पेट्रोलियम अथॉरिटी ऑफ़ थाईलैंड की कर्मचारी थी. यह कंपनी अब पीटीटी के नाम से चल रही है.
शाही परिवार भी ठगा गया
थिप्यासो ने घोटाले को वैध दिखाने के लिए रॉयल थाई वायु सेना में कनेक्शन का इस्तेमाल किया. इसकी वजह से हजारों लोगों ने निवेश कर दिया. इसमें थाई शाही परिवार के सदस्य और सैन्य हस्तियां भी शामिल थीं.लेकिन 1980 के दशक में उसकी चोरी सामने आ गई. पता चला कि उसने अपने ग्राहकों से करोड़ों डॉलर की चोरी की है. बाद में अनुमान लगाया गया कि उसने 16,000 से अधिक लोगों धोखा दिया. इसके बाद फंड बंद कर दिया गया और थिप्यासो को गिरफ्तार कर लिया गया.
सिर्फ आठ साल जेल में बिताए
उसकी गिरफ़्तारी के बाद थाई वायु सेना द्वारा कई दिनों तक गुप्त स्थान पर रखा गया. एक बार जब पीड़ितों के वित्तीय नुकसान की भरपाई हो गई, तो 1989 में उस पर मुकदमा चलाया गया और अदालत ने उसे सजा सुनाई. हैरानी की बात है कि उसने अपने अपराधों के लिए केवल आठ साल की सजा काटी, क्योंकिइस घटना के बाद थाईलैंड में एक कानून पास हुआ कि धोखाधड़ी के मामले में अपराधी को कितनी भी लंबी सजा क्यों न सुनाई गई हो, उसे 20 साल से अधिक जेल में नहीं रखा जा सकता है.