7 लाख किमी के बदनाम इलाके का खुला रहस्य, वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला दावा, ‘हर हादसे की है एक खास वजह!’

7 लाख वर्ग किलोमीटर का समुद्री इलाका, सदियों से कई रहस्य अपने अंदर समेटे है. यहां जाने वाला हर जहाज डूब जाता है. यहां के ऊपर से गुजरने वाला विमान रहस्यमयी तरह से गायब होता रहा है. उत्तरी अटलांटिक महासागर में फ्लोरिडा के पास मियामी, बरमूडा और प्यूर्टोरिको के बीच का यह त्रिकोणीय इलाका कई कहानियों का कारण है.

लोग इस इलाके में होने वाले हादसों को किस आसमानी ताकत से जोड़ते हैं तो किसी तरह के शाप या अन्य रहस्य से. लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए भी यह एक रहस्य ही बनाहुआ है. पर वैज्ञानिकों ने यहां होने वाले हादसों की व्याख्या कर ली है, ऐसा दावा किया जा रहा है. उनका कहना है की इन हादसों के पीछे की वजह कुदरती और पूरी तरह से वैज्ञानिक हैं.

कब से चर्चा में है ये इलाका

बरमूडा ट्रायएंगल 20 सदी के दौरान हुए बहुत सारे हादसों की वजह से चर्चा में आया था. यह एक बहुत ही व्यस्त इलाकों में है. फिर भी रहस्यम तरीके से गायब होने वाले जहाजों और उसके  ऊपर उड़े हवाई जहाजों की कहानियों ने कई  किवदंतियों को जन्म दिया. कई अधूरी या बिना किसी नतीजे पर पहुंचीं जांचों ने इन किवदंतियों और तमाम तरह के अलौलिक दावों को हवा दी. जिसके बाद से यह रहस्यमयी जगह बनी हुई थी.

कैसे नष्ट होते हैं जहाज

साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी के ओसियोनोग्राफर, डॉ सिमन बॉक्सल का कहना है कि तमाम समुद्री दुर्घटनाओं के पीछे रोग वेव्य यानी दुष्ट लहर या तरंगें हैं. ये समुद्र में बनने वाली बहुत ही बड़ी लहर होती है जिनकी चपेट में बड़े से बड़े जहाज आसानी से आ जाते हैं.  ये लहरें पानी की बहुत ज्यादा बड़ी दीवार खड़ी कर देती हैं  और बहुत विनाशकारी साबित होती है.

सबूत तक को किया होगा नष्ट

अजीब बात ये  है कि वैज्ञानिकों ने इस तरह की लहरों को पहचानना केवल 1990 के दशक में ही शुरू किया था. सैटेलाइट आंकड़ों ने भी इनकी खतरनाक मौजूदगी की पुष्टि की है. बॉक्सल और उनकी टीम ने इन लहरों का सिम्यूलेशन बना कर यह पता लगाने की कोशिश की कि उन्होंने अब तक की रहस्यमयी तरीके से गायब हुए जहाजों को कैसे नष्ट किया होगा  और सारे सबूतों सहित उन्हें निगल लिया होगा.

तो फिर हवाई जहाज?

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन लहरों का असर केवल समुद्र तक नहीं बल्कि आसमान तक पहुंचता था. इन विशाल लहरों की वजह से वायुमंडल में तेज हवाएं ऊपर से नीचे और नीचे की ओर चल सकती हैं.  जिससे विमानों के लिए अभूतपूर्व हलचल पैदा हो जाती है. यही वजह है कि निचली ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान यहां से ज्यादा गायब होते दिखे हैं.

डॉ बॉक्सल का कहना है कि लौगों को मन कौतूहल के प्रति ज्यादा होता है औरयही वजह है कि कई बार लोग तथ्यों तक को नजर अंदाज कर लेते हैं और उन कहानियों पर विश्वास कर लेते हैं, जो परालौकिक, अलौकिक, एलियन आदि से जोड़ी जाती है. उनका यह भी कहना है कि इस तरह की घटनाओं का होना तुरंत  गायब होना बहुत ही मुश्किल है.

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