एक समय था जब पूरी पृथ्वी पर धरती केवल समुंदर के ही अंदर थी यानी सतह पर केवल पानी ही पानी था. उसके बाद धरती के कुछ उससे सबसे पहले समुंदर से बाहर निकले, लेकिन वो इलाका कौन सा था जो सबसे पहले बाहर निकला था? हाल ही में वैज्ञानिकों ने इसका जवाब खोज निकाला है और हैरानी की बात ये है कि जो इलाका समुद्र से सबसे पहले बाहर निकला था, वह भारत में है और आज भी समुदंर से बाहर है.
इस सप्ताह, वैज्ञानिकों ने दो रोचक खोज कीं . पहली, पृथ्वी के सबसे शुरुआती महाद्वीप उनके अनुमान से 70 करोड़ साल पहले समुद्र से उभरे थे. दूसरी, लगभग 3.2 अरब साल पहले समुद्र से ऊपर उठने वाली पहली भूमि भारत में थी. इस सोमवार को नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की कार्यवाही में प्रकाशित, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के वैज्ञानिकों के एक अध्ययन में पाया गया कि पृथ्वी के वायुमंडल के संपर्क में आने वाली सबसे प्रारंभिक पपड़ी कौन सी थी
उन्होंने बताया कि उन्होंने यह खोज कैसे की? इसके लिए उन्होंने झारखंड के सिंहभूम क्षेत्र के बलुआ पत्थरों का विश्लेषण किया.इसमें प्राचीन नदी चैनलों, ज्वार के मैदानों और समुद्र तटों के भूवैज्ञानिक संकेत पाए गए जो 3 अरब साल से अधिक पुराने हैं.
अध्ययन के दौरान, शोधकर्ताओं ने यह भी समझने का प्रयास किया कि सिंहभूम के भूभाग को समुद्र के बाहर जाने के लिए किसने मजबूर किया. चौधरी ने कहा, “बलुआ पत्थर हमें बताते हैं कि ‘कब’ और ग्रेनाइट हमें बताता है कि ‘कैसे’.” दिलचस्प बात यह है कि इस संबंध में निष्कर्ष भी चौंकाने वाले थे.
“लगभग 3.5 से 3.2 अरब साल पहले, पृथ्वी की पर्पटी के नीचे कुछ गर्म मैग्मा ने भूभाग के कुछ हिस्सों को मोटा कर दिया था. इससे सिलिका और क्वार्ट्ज जैसी, हल्की सामग्री भरपूर हो गई. लाइवसाइंस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस प्रक्रिया ने क्रेटन को उसके आस-पास की सघन चट्टान की तुलना में ‘शारीरिक रूप से मोटा और रासायनिक रूप से हल्का’ बना दिया, और इस तरह भूभाग को पानी से ऊपर और बाहर उछाल दिया. समय के साथ, इसकी परत लगभग 50 किलोमीटर तक मोटी हो गई जिससे यह पानी के ऊपर तैरती रहती है, जैसे पानी पर तैरता हुआ एक हिमखंड.”