भारत में आए दिन ट्रैफिक पुलिस अवेयरनेस प्रोग्राम्स चलाती है. इसका मकसद है लोगों को रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक करना. लोग जितना ज्यादा अवेयर होंगे, उतनी कम दुर्घटनाएं होंगी. भारत में हर चौक-चौराहों पर अब कैमरा लगाए जा रहे हैं. इनकी मदद से उन लोगों को स्पॉट किया जाता है, जो नियम तोड़ते हैं और फिर गाड़ी के नंबर के आधार पर उनका चालान उन्हें भेज दिया जाता है. चालान के ही डर से सही, लोग नियमों को मानते हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा देश है, जहां ट्रैफिक नियम ही नहीं है. जी हां, हम बात कर रहे अफगानिस्तान की. कागजों पर भले ही ट्रैफिक पुलिस नाम की चीज होती होगी लेकिन रियल लाइफ में यहां की सड़कों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां लोगो को रोड पर चलने का तरीका नहीं पता है.

कोई भी कहीं भी गाड़ी रोक देता है. इसका नतीजा होता है कि यहां सड़कों पर अक्सर ही गाड़ियों में टक्कर हो जाती है. लेकिन सबसे आश्चर्य की बात ये है कि टक्कर के बाद भी कोई ड्राइवर बुरा नहीं मानता. उनके लिए ये कॉमन बात है.

बसों का दिखा बुरा हाल

सोशल मीडिया पर एक ट्रेवल ब्लॉगर ने अफगानिस्तान के सड़कों का हाल दिखाया. वहां की पतली सड़कों पर चलने वाली बसों को देखकर आपकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहेगा. यहां की सड़कों पर आपको ऐसी कोई बस नजर नहीं आएगी, जिसका एक्सीडेंट ना हुआ हो.

किसी का कांच टूटा होता है तो किसी का पिछला हिस्सा पिचका दिखता है. यहां अक्सर एक बस दूसरे को पीछे से टक्कर मार देती है. इसकी वजह है सड़कों पर गाड़ियों का अचानक से ब्रेक मार देना. बस ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद बसों की मरम्मत भी नहीं करवाते. जब तक बस का कबाड़ा ना निकल जाए वो उसे सड़कों पर दौड़ाते रहते हैं.

लोगों के लिए आम है एक्सीडेंट

जिस तरह से भारत में ट्रैफिक पुलिस सड़कों की व्यवस्था स्मूथ रहने के लिए चौबीस घंटे एक्टिव रहती है, बांग्लादेश में ऐसा नहीं होता है. यहां पुलिस हाथ में लकड़ी का एक डंडा लिए घूमती है और उसे ही बसों पर पीट-पीटकर ट्रैफिक व्यस्वस्था को कंट्रोल करने की कोशिश करती है. यहां अक्सर ही एक्सीडेंट होते रहते हैं. कभी दो बस टकरा जाते हैं तो कभी दो गाड़ियां. इसके बाद भी ट्रैफिक सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया जाता है.

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