बिलासपुर। रेलवे सुरक्षा बल एक बार फिर टिकट दलालों के खिलाफ शिकंजा कसने के लिए अभियान चला रहा है। इसी का नतीजा है कि एक दिन नौ दलालों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की गई। जनवरी से लेकर अब तक 46 दलालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। उच्चाधिकारियों ने अभियान को अभी नियमित रखने का निर्देश दिया है।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को टिकट काउंटरों में लगने वाली कतारों से निजात दिलाने, शीघ्र टिकट उपलब्ध कराने, कैशलेस प्रणाली को बढावा देने और आईआरसीटीसी के माध्यम से घर बैठे पर्सनल आईडी से स्वयं की आरक्षित यात्रा टिकट बनाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कुछ लोग इस सुविधा का लाभ कमाने में उपयोग कर रहे हैं।
विशेषकर त्यौहारी सीजन और समर वेकेशन के दौरान पर्सनल आईडी से रेल यात्रा टिकट बनाकर मोटी रकम कमाई कर रहे हैं। यह गलत है, ऐसे दलालों पर शिकंजा कसने के साथ कार्रवाई करने का अधिकारी आरपीएफ को दिया गया है। इसके लिए समय – समय पर अभियान चलाकर आरपीएफ ई- टिकट दलालों के खिलाफ कार्रवाई भी करती है।
अभी फिर से अवैध टिकटिंग की सूचनाएं मिल रहीं थी। ऐसी घटनाओं पर निगरानी रखने व अवैध व्यापार करने वाले टिकट दलालों पर नकेल कसने के लिए महानिरीक्षक- सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त के मार्गदर्शन में वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त के निर्देशन में बिलासपुर मंडल के सभी आरपीएफ पोस्ट प्रभारियों की ओर से नियमित अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान 11 मई को बड़ी सफलता मिली।
बिलासपुर मंडल के विभिन्न आरपीएफ पोस्ट टीम ने नौ टिकट दलालों पकड़ा। सभी के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत कार्रवाई की गई। मालूम हो कि बिलासपुर मंडल अंतर्गत आरपीएफ ने वर्ष 2023 में 111 के विरुद्ध अपराध दर्ज किया था। इस वर्ष भी धीरे- धीरे आंकड़ा बढ़ रहा है। अब तक 46 मामलों में आरोपितों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जा चुका है। इस कार्रवाई से टिकट दलाल सकते में हैं। यही कारण है कि आरपीएफ को अभियान लगातार जारी रखने का निर्देश दिया गया है।