रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के माना बस्ती में गुरुवार की आधी रात एक बुजुर्ग विधवा महिला समेत घर के सभी सदस्यों को तीन अज्ञात नकाबपोशों ने घर में ही बंधक बनाकर लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। लुटेरों ने घटना के दौरान 62 वर्षीय महिला के जाग जाने पर उन्हें रस्सियों से बांधकर राड से बेदम पिटाई की और सोने-चांदी के जेवर, नकदी समेत दस लाख का सामान अपने साथ ले गए। शुक्रवार सुबह घटना की जानकारी आसपास के लोगों को लगी। इसके बाद मौके पर पुलिस के आला अधिकारी, साइबर सेल, एफएसएल टीम पहुंचकर जांच में जुट गई। फिलहाल लुटेरों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
माना कैंप पुलिस थाना प्रभारी भावेश गौतम ने बताया कि कृषि विभाग में ग्रेड तीन के पद पर कार्यरत प्रख्यात चंद्राकर माना बस्ती में पत्नी, बच्चों और बुर्जुग मां उमा देवी (62) के साथ रह रहे हैं। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात ढ़ाई से तीन बजे के बीच तीन नकाबपोश लुटेरों ने घर में घुसने के लिए दरवाजे की सिटकनी को तार के सहारे खोली। फिर अंदर घुसकर पत्नी, बच्चों के साथ सोए प्रख्यात चंद्राकर के कमरे को बाहर से बंद कर दिया ताकि जाग जाने पर वे बाहर न निकल सके। इस दौरान लुटेरे मास्टर चाबी से आलमारी खोलकर उसमें रखे नकदी 40 हजार रुपये समेत दस लाख के जेवर आदि निकाल लिए।
बुजुर्ग के जगने पर बांधकर पीटा
घटना के दौरान आवाज होने पर बुजुर्ग उमा देवी चंद्राकर की नींद खुल गई। वे जैसे ही देखने के लिए कमरे से बाहर निकली वैसे ही सावधान लुटेरों ने उन्हे पकड़कर बांध दिया। बुजुर्ग ने शोर मचाने की कोशिश की को राड से बेदम पिटाई करने लगे। मां की आवाज सुनकर प्रख्यात चंद्राकर और उनकी पत्नी भी उठ गए पर कमरे का दरवाजा बाहर से बंद होने के कारण चोरों के भीतर घुसने की आशंका पर चुपचाप रहे। इस दौरान लुटेरे धमकाते हुए वहां से निकल गए। कुछ देर बाद जब यह लगा कि घर घुसे लोग जा चुके है तब प्रख्यात ने शोर मचाना शुरू किया। आसपास के लोगों ने एकत्र होकर बंद दरवाजे को खोला। इसके बाद पिटाई से घायल उमा देवी को अस्पताल पहुंचाया।